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'पापा, मेरे जूतों में फिसलन है...', 200 फीट गहरी खाई में गिरने से लड़की की मौत, देखता रह गया बेबस बाप

लड़की के पिता ने बताया, 'हमें लगा था कि हम अनुभवी हाइकर्स हैं और अपने आस-पास के माहौल से वाकिफ़ हैं. लेकिन उस तूफ़ान ने हमें चौंका दिया.'

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लड़की का पैर चट्टान के गीले वाले हिस्से पर पड़ गया, जिससे ये हादसा हुआ. (फ़ोटो - फ़ेसबुक/Jonathan Rohloff)

पहाड़ों पर हाइकिंग के लिए गई एक युवती की चट्टान से 200 फीट नीचे गिरने से मौत हो गई. बताया गया कि तेज़ बारिश और आंधी के बीच लड़की के जूते फिसल गए थे. इससे लड़की फिसलते हुए पत्थरों से टकराई. वो अपने पिता के साथ हाइकिंग के लिए गई थी. दुर्घटना से ठीक पहले उसने अपने पिता से कहा था, 'पापा, मेरे जूतों में फिसलन है.' घटना कैलिफोर्निया के योसेमाइट नेशनल पार्क (California's Yosemite National Park) की है, जहां एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी (Arizona State University) की 20 साल की स्टूडेंट ग्रेस रोहलॉफ़ के साथ ये घटना घटी.

जानकारी के मुताबिक़, ग्रेस रोहलॉफ़ और जोनाथन रोहलॉफ़, दोनों बाप-बेटी अनुभवी पर्वतारोही (Hikers) थे. दोनों योसेमाइट के हाफ डोम के शिखर तक पहुंचे गए थे, जो पार्क की सबसे प्रसिद्ध और चुनौती से भरे हाइकिंग में से एक है. दोनों नीचे उतर रहे थे, इस दौरान उन्होंने दूसरे हाइकर्स की मदद के लिए उतरने की अपनी रफ्तार धीरे कर ली. तभी अचानक से तेज़ बारिश होने लगी और तूफ़ान आया. इसी दौरान ग्रेस रोहलॉफ़ का पैर चट्टान के गीले वाले हिस्से पर पड़ गया, जिससे ये हादसा हुआ.

डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक़, बेटी को नीचे गिरते देख जोनाथन ने अपनी बेटी को बचाने की कोशिश तो की, लेकिन वो सफल नहीं हुए. उन्होंने ग्रेस को पुकारते हुए कहा,

ग्रेस मैं यहां हूं. मैं तुम्हें छोड़कर नहीं जा रहा हूं. अगर तुम मेरी आवाज़ सुन सकती हो, तो मुझे इशारा दो. मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं.

घटना के बाद जोनाथन ने अपनी बेटी को बचाने के लिए 911 पर कॉल किया. लेकिन ग्रेस तक पहुंचने में बचाव दल को करीब तीन घंटे लगे, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. उसके सिर पर गंभीर चोटें आई थीं. मारिपोसा काउंटी के ऑफ़िस ने पुष्टि की है कि ग्रेस की मौत गिरने से ही हुई है. रोहलॉफ़ ने उस मौक़े को याद किया, जब उन्हें हाफ डोम पर चढ़ने के लिए परमिट मिला था. उनका कहना है कि तब उनकी बेटी बहुत उत्साह में थी.

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जोनाथन ने NBC न्यूज़ से बातचीत में बताया,

पहले बादल छाए रहने और हल्की बारिश की संभावना जताई गई थी. लेकिन शिखर पर पहुंचने के कुछ ही मिनटों के अंदर भारी बारिश शुरू हो गई. तूफ़ान भी आ गया. ये तूफ़ान मेरी ज़िंदगी में देखा गया शायद सबसे तेज़ तूफ़ान था. हमें लगा था कि हम अनुभवी हाइकर्स हैं और अपने आस-पास के माहौल से वाकिफ़ हैं. लेकिन उस तूफ़ान ने हमें चौंका दिया.

योसेमाइट नेशनल पार्क के आसपास की व्यवस्था की खामियां गिनाते हुए जोनाथन कहते हैं,

यहां लगी केबल प्रणाली ग़ैर-ज़रूरी रूप से खतरनाक है. ये चट्टान चिकनी ग्रेनाइट की है, जिसमें पैर रखने के लिए बहुत कम उभार हैं. लकड़ी के तख्ते लगभग 10 फ़ीट की दूरी पर थे. केबलों पर पानी का थोड़ा-सा भी गिरना दुर्घटना का कारण बन सकता है.

जोनाथन ने पार्क के अधिकारियों से सुरक्षा के उपायों में सुधार करने की मांग की है. इन उपायों में बेहतर तरीक़े से पैर रखने के लिए केबल और लकड़ी के तख्तों का दूसरा सेट जोड़ना शामिल है.

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