दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने एक ऑर्गन ट्रांसप्लांट रैकेट के बारे में जानकारी दी है. ऑर्गन ट्रांसप्लांट में किसी एक व्यक्ति के शरीर से किसी अंग को निकालकर किसी दूसरे व्यक्ति के शरीर में लगाया जाता है. हाल के दिनों में पुलिस ने दिल्ली के एक बड़े निजी अस्पताल के सीनियर डॉक्टर को गिरफ्तार (doctor arrested in kidney racket) किया था. पुलिस ने बताया कि वो कथित तौर पर बांग्लादेश और भारत के इस गिरोह से जुड़ी थीं.
5 लाख में खरीदकर 30 लाख में किडनी बेचने वाले डॉक्टर गिरफ्तार, दिल्ली और नोएडा के निजी अस्पतालों से जुड़े तार
Kidney Transplant Racket: दान देने वाले 4 से 5 लाख रूपये में अपनी किडनी दे देते थे. वहीं दूसरी तरफ किडनी लेने वालों से 25 से 30 लाख रुपये लिए जाते थे.

50 साल की डॉक्टर विजया कुमारी फिलहाल अस्पताल से निलंबित हैं. पुलिस ने कहा है कि इस अस्पताल से गिरोह के साथ काम करने वाली वो एकमात्र डॉक्टर थीं. उन्होंने 2021 से 2023 तक नोएडा के एक निजी अस्पताल में करीब 15 से 16 ऑर्गन ट्रांसप्लांट किए थे. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कथित तौर पर बांग्लादेश के मरीजों को दिल्ली में ट्रांसप्लांट कराने के लिए फुसलाया जाता था. इसमें बिचौलिए, डॉक्टर विजया कुमारी और उनके सहयोगियों के एक नेटवर्क की कथित भागीदारी थी.
फर्जी दस्तावेज बनाएडॉक्टर के अलावा, पिछले महीने 3 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में नई दिल्ली में बांग्लादेश उच्चायोग के नाम पर कथित तौर पर फर्जी दस्तावेज बनाए गए थे. जिसमें दावा किया गया था कि अंग दान करने वाले और अंग लेने वाले (दोनों बांग्लादेशी) के बीच संबंध है. इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि इन जाली दस्तावेजों को जब्त कर लिया गया है.
ये भी पढ़ें: डायबिटीज होने पर किडनी क्यों खराब होने लगती है? कैसे होगी ठीक?
विजया कुमारी सीनियर कंसल्टेंट और किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन हैं. करीब 15 साल पहले उन्होंने दिल्ली वाले निजी अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के तौर पर काम शुरू किया था. नोएडा के निजी अस्पताल के साथ वो विजिटिंग कंसल्टेंट के रूप में काम कर रही थीं. इस अस्पताल के अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक सुनील बालियान ने कहा है कि उनके द्वारा लाए गए मरीजों का ट्रांसप्लांट किया गया था. बालियान ने कहा है कि उन्होंने पिछले 3 महीनों में एक सर्जरी की थी.
अस्पताल ने क्या कहा?पुलिस की कार्रवाई के बाद दिल्ली स्थित हॉस्पिटल्स ने डॉक्टर को निलंबित कर दिया. अस्पताल के प्रवक्ता ने बताया है कि क्राइम ब्रांच ने जांच के सिलसिले में उनसे कुछ जानकारी मांगी थी. जो उन्हें दे दी गई है. उन्होंने बताया कि ये कार्रवाई दूसरे अस्पताल (नोएडा स्थित) में की गई प्रक्रियाओं से संबंधित है, प्रथम दृष्टया इसका इस अस्पताल से कोई लेना-देना नहीं है.
मौजूदा मामले में 29 साल के रसेल ने कथित तौर पर अपने साथियों के साथ मिलकर संभावित दानदाताओं को अपने देश से दिल्ली बुलाया. रसेल के सहयोगियों में बांग्लादेश के रहने वाले मोहम्मद सुमन मियां और इफ्ति के अलावा त्रिपुरा के रहने वाले रतीश पाल का भी नाम है. अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि दान देने वाले 4 से 5 लाख रूपये में अपनी किडनी दे देते थे. वहीं दूसरी तरफ किडनी लेने वालों से 25 से 30 लाख रुपये लिए जाते थे. इफ्ति को छोड़कर बाकी सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
वीडियो: सेहतः किडनी में कैंसर हो तो ये लक्षण दिखाई देते हैं! डॉक्टर से जानिए, बचें कैसे?