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इस पेड़ से इतना पानी निकलता है कि टंकियां भर जाएं, ऐसा क्यों?

आंध्र प्रदेश के Papikonda National Park से एक वीडियो सामने आया है. जिसमें एक पेड़ की छाल काटने के बाद कई लीटर पानी बहता दिख रहा है. वजह क्या है?

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कोंडा रेड्डी जनजाति से जुड़े लोगों ने वन अधिकारियों को पेड़ के बारे में बताया. (फोटो-इंडिया टुडे )

आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीतारमा राजू जिले में पापिकोंडा नेशनल पार्क (Papikonda National Park) से एक वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में वन विभाग के अधिकारी एक पेड़ की छाल काट रहे हैं. जिसके बाद पेड़ से पानी निकलने लगा. पानी की धारा ऐसी कि जैसे किसी ने नल खोल दिया हो. ऐसा होने की वजह क्या है? ये जानने से पहले वायरल वीडियो देख लीजिए.

वीडियो में जो पेड़ है उसे इंडियन लॉरेल ट्री (Indian laurel tree) कहा जाता है.‌ द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक वन विभाग की टीम का नेतृत्व कर रहे जी.जी. नरेंद्रन ने बताया,

 “जब हमने इंडियन लॉरेल पेड़ की छाल को काटा तो उसमें से पानी निकल आया. कोंडा रेड्डी जनजाति (Konda Reddi tribe) से जुड़े लोगों ने हमें इस बारे में बताया था. गर्मियों के दौरान इस पेड़ में पानी जमा होता है. इसमें तेज गंध होती है और स्वाद खट्टा होता है."

कोंडा रेड्डी समुदाय गोदावरी क्षेत्र में पहाड़ी की तलहटी में रहने वाली जनजाति समूह है. जो पेड़ पौधों को लेकर अपनी विशेष जानकारी के लिए जाना जाता है.

आकार घना, चिकनी हल्के भूरे रंग की छाल, चमकदार हरी पत्तियां, गोल अंजीर इस पेड़ की खासियत है. इंडियन लॉरेल ट्री का साइंटिफिक नाम फ़िकस माइक्रोकार्पा (Ficus Microcarpa) है. जो आमतौर पर एशिया, वेस्टर्न पैसेफिक आइलैंड और ऑस्ट्रेलिया के कई हिस्सों में पाया जाता है.

पेड़ के अंदर पानी कहां से आता है?

पेड़ अपना खाना Photosynthesis की प्रक्रिया से बनाते हैं. जिसके लिए हवा, पानी, CO2, सनलाइट (धूप) की जरूरत पड़ती है. थोड़ी बायोलॉजी समझते हैं. टेक्स्ट बुक में आपका एक टर्म से जरूर वास्ता हुआ होगा, ऑसमोसिस (Osmosis). किसी भी पेड़ के अंदर पानी उसके जड़ों से पहुंचता है. इस प्रक्रिया को ही ऑस्मोसिस कहते हैं. जड़ों से होते हुए ये पानी पेड़ की छाल तक पहुंचता है. उसके पीछे कोशिका क्रिया यानी (capillary action) का हाथ होता है. 

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एक विकसित पेड़ गर्मी के दिनों में अपनी पत्तियों से कई सौ गैलन पानी दे सकता है. वहीं ठंड के मौसम में ऐसा नहीं होता है. पानी तब पेड़ में ही स्टोर हो जाता है. पेड़ों के ऊपरी हिस्सों से खासतौर पर पत्तियों, तने, फूलों और जड़ों से पानी निकलने की प्रक्रिया को Evaporation कहते हैं. एक औसत पेड़ भोजन बनाने के लिए लगभग 1,000 गैलन तक पानी अपने अंदर ले सकता है. आमतौर पर इस प्रक्रिया में पेड़ से ज्यादातर पानी निकल जाता है लेकिन जो 10% पानी बचता है वो पेड़ को स्वस्थ रखने और उसके ग्रोथ में मदद करता है.

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