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धार्मिक जुलूस पर कंट्रोल के लिए भिड़े दो गुट, हिंसक झड़प में 70 घायल, आंध्र के कुरनूल की घटना

आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में बन्नी उत्सव हर साल विजयादशमी की रात को मनाया जाता है. ये उत्सव पारंपरिक 'लाठी लड़ाई' के लिए जाना जाता है.

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आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में हिंसा (फोटो- इंडिया टुडे)

आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में दशहरा के मौके पर हुई हिंसक झड़प में करीब 70 लोग घायल हो गए (Andhra Pradesh Banni Utsav). घायलों में शामिल दो लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है. ये घटना बन्नी उत्सव के दौरान हुई है. वो भी पुलिस के सख्त इंतजाम के बावजूद.

घटना के बारे में जानने से पहले बन्नी उत्सव के बारे में जानना जरूरी है. बन्नी उत्सव हर साल विजयादशमी की रात को मनाया जाता है. ऐसी पौराणिक मान्यता है कि इस दिन राक्षस मणि और मल्लासुर पर भगवान माला मल्लेश्वर स्वामी और देवी पार्वती देवी ने जीत हासिल की थी. उसी का जश्न मनाने के लिए हर साल यहां पारंपरिक 'लाठी लड़ाई' का आयोजन किया जाता है. प्रतिद्वंद्वी गुट के गांव वाले माला मल्लेश्वर स्वामी की मूर्तियों पर दावा करने के लिए लड़ते हैं.

घटना देवरगट्टू गांव के होलागुंडा मंडल की है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, 12 अक्टूबर की आधी रात को नेरानिकी, नेरानिकी थांडा और कोथापेटा गांव के हजारों भक्तों ने मूर्तियों के साथ जुलूस निकाला. इस बीच अलुरु, सुलिवन, येलार्थी, एरिज़ोना और नेत्रावत्ती गांवों के भक्तों ने मूर्तियों पर दावा करने के लिए जुलूस को अपने गांवों की ओर मोड़ने की कोशिश की. उनके मुताबिक ये परंपरा का हिस्सा है और पूरे गांव के लिए शुभ माना जाता है.

जुलूस रक्षापदी से आगे बढ़ा ही था. तभी मशालों, लाठियों, मेटल वाले डंडों से लैस ग्रामीणों के दो गुट जुलूस पर नियंत्रण पाने के लिए एक दूसरे से भिड़ गए. खबर है कि 13 अक्टूबर की सुबह को जुलूस के साथ देवताओं को पडलकट्टा ले जाया गया और मंदिर के पुजारी ने चाकू से अपनी जांघ काटकर भगवान माला मल्लेश्वर स्वामी को खून चढ़ाया.

हिंसक झड़प में घायल हुए लोगों को देवरागट्टू के मोबाइल अस्पताल और कुरनूल जिले के अलुरु और अदोनी सरकारी अस्पतालों में ले जाया गया.

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बता दें, पिछले साल बन्नी उत्सव में तीन मौतों की खबर मिली थी. पुलिस ने इस बार भीड़ को कंट्रोल करने और टकराव को रोकने के लिए अतिरिक्त कर्मियों को तैनात किया था. कुरनूल के एसपी जी बिंदू माधव ने कहा कि जिला पुलिस विंग ने लगभग 800 पुलिस कर्मियों को तैनात किया था, 100 से ज्यादा हाई रिजॉल्यूशन वाले कैमरे और लगभग पांच ड्रोन कैमरों का भी इस्तेमाल किया था. जिससे इस साल देवरगट्टू में बन्नी उत्सव के दौरान खून खराबे को रोकने में मदद मिली.

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