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Andhra Pradesh Assembly Election Result: TDP इतनी सीटें जीती, सरकार बनाने के लिए किसी की जरूरत नहीं

आंध्र प्रदेश में सरकार बनाने के लिए 88 विधायक चाहिए. टीडीपी के पास 134 विधायकों का अच्छा खासा नंबर है. यानी उसे सरकार बनाने के लिए बीजेपी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है. हालांकि चंद्रबाबू नायडू ने जनता के साथ बीजेपी और पीएम मोदी का उनके साथ सहयोग करने के लिए शुक्रिया अदा किया है.

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आंध्र प्रदेश में बीजेपी की सहयोगी तेलुगू देशम पार्टी सरकार बना रही है. (तस्वीर-इंड़िया टुडे)

आंध्र प्रदेश में आज लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव के वोटों की भी गिनती हुई. बीजेपी की सहयोगी तेलुगू देशम पार्टी (TDP) यहां सरकार बनाने जा रही है. चुनाव आयोग के मुताबिक राज्य की 175 विधानसभा सीटों में से 134 पर टीडीपी के उम्मीदवार जीते हैं या आगे चल रहे हैं. वहीं बीजेपी 8 और जनसेना 21 सीटों पर लीड कर रही है. जगनमोहन रेड़्डी के नेतृत्व वाली YSRCP को बहुत करारी हार का सामना करना पड़ा है. पार्टी को केवल 12 सीटों पर बढ़त हासिल हुई. 8 पर उसके प्रत्याशी जीते हैं, 4 पर अभी भी काउंटिग जारी है.

TDP अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू तीन बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. बीजेपी से गठबंधन के तहत विधानसभा की कुल 175 सीटों में से 144 पर तेलुगू देशम पार्टी चुनाव लड़ी थी. जबकि बीजेपी ने 10 और जन सेना पार्टी ने 21 सीटों पर अपने कैंडिडेट उतारे थे.

इस बार के चुनाव में पीथापुरम सीट पर सबकी निगाहें टिकी थीं. यहां से साउथ एक्टर और JSP प्रमुख पवन कल्याण ने शानदार जीत दर्ज की है. उनके सामने YSRCP पार्टी से फिल्म डायरेक्टर राम गोपाल वर्मा चुनाव लड़े थे.

आंध्र प्रदेश में सरकार बनाने के लिए 88 विधायक चाहिए. टीडीपी के पास अच्छा खासा नंबर है. यानी उसे सरकार बनाने के लिए बीजेपी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है. हालांकि चंद्रबाबू नायडू ने जनता के साथ बीजेपी और पीएम मोदी का उनके साथ सहयोग करने के लिए शुक्रिया अदा किया है. चर्चा है कि केंद्र में सहयोग के लिए पीएम मोदी ने उनसे फोन पर बात की है.

साल 2019 में जगन मोहन रेड्डी पहली बार राज्य के CM बने थे. उनके पिता दिवंगत वाई एस राजशेखर रेड्डी आंध्र में कांग्रेस के बड़े नेता थे. 2004 और 2009 में वे लगातार दो बार राज्य के CM  बने थे. जगन मोहन ने भी अपना राजनीतिक करियर कांग्रेस से ही शुरू किया था. वे 2009 में कांग्रेस से पहली बार सांसद निर्वाचित हुए थे.

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हालांकि, 2009 में हेलिकॉप्टर हादसे में पिता की मौत के बाद जगनमोहन रेड्डी ने 2010 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने 2011 में अपनी अलग पार्टी YSRCP बनाई. 2014 में उनकी पार्टी ने 67 सीटें जीतीं. साल 2019 में YSRCP ने 151 सीटें जीतकर सबको चौंका दिया था. हालांकि, जानकारों के हिसाब से इस बार के चुनाव में जगन रेड्डी की बहन कांग्रेस का नेतृत्व कर रही थीं. ऐसे में कांग्रेस के पारंपरिक वोटर्स भाई-बहन में बंट गए जिसका सीधा नुकसान YSRCP को हुआ है और फायदा TDP को.

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