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आरक्षण हटाने की बात कहते हुए अमित शाह का वीडियो वायरल, BJP बोली 'फर्जी है... कांग्रेस वाले तैयार रहें'!

Amit Shah का SC/ST आरक्षण हटाने की बात करते हुए वीडियो वायरल हो रहा है. Delhi Police ने इस मामले में FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

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अमित शाह का फर्जी वीडियो वायरल (फोटो: आजतक)

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने अमित शाह के फर्जी वीडियो (Amit Shah Fake Video) के मामले में रविवार 28 अप्रैल को एक FIR दर्ज की है. वायरल वीडियो में अमित शाह SC/ST रिजर्वेशन (Amit Shah on SC/ST reservation) हटाने की बात कहते नजर आ रहे हैं. इसे लेकर दिल्ली पुलिस ने X और फेसबुक (Facebook) को एक लेटर भी लिखा है. बीजेपी का कहना है कि ये वीडियो फर्जी है. बता दें कि झारखंड कांग्रेस के हैंडल से इस वीडियो से जुड़ा एक पोस्ट भी किया गया है.

कांग्रेस ने क्या पोस्ट किया?

झारखंड कांग्रेस के X अकाउंट से एक वीडियो पोस्ट किया गया. पोस्ट में उन्होंने लिखा,

'अमित शाह के एक चुनावी भाषण का वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में वो फिर से बीजेपी सरकार बनने के बाद OBC और SC/ST आरक्षण हटाने की बात कह रहे हैं.'

ये रहा वीडियो

बीजेपी ने क्या कहा?

आजतक से जुड़े अरविंद ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी से जुड़े सूत्रों ने वीडियो को फेक बताया है. इंडिया टुडे से बातचीत के दौरान बीजेपी सूत्रोंं ने बताया कि ‘अमित शाह ने असल में कहा था कि सरकार बनते ही बीजेपी मुस्लिम समुदाय को दिए जा रहे असंवैधानिक आरक्षण को हटा देगी.’

बीजेपी नेता अमित मालवीय ने 27 अप्रैल को कांग्रेस पर एडिटेड वीडियो फैलाने का आरोप लगाया है. उन्होंने अपने X अकाउंट पर लिखा,

'फर्जी एडिटेड वीडियो फैलाने की वजह से बड़े स्तर पर दंगे भी हो सकते हैं. एक वीडियो में अमित शाह धर्म के आधार पर मुस्लिमों को दिए जाने वाले आरक्षण को हटाने की बात कहते नजर आ रहे हैं. साथ ही SC/ST और OBC आरक्षण हटाने की भी बात कहते नजर आ रहे हैं. कांग्रेस प्रवक्ताओं द्वारा ये फर्जी वीडियो फैलाया जा रहा है. उन्हें कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहना चाहिए.'

दिल्ली पुलिस ने शिकायत दर्ज की

आजतक से जुड़े अरविंद ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक वीडियो को लेकर दिल्ली पुलिस में दो शिकायतें दर्ज करवाई गई हैं. इसमें से एक शिकायत बीजेपी और एक शिकायत गृह मंत्रालय की तरफ से दर्ज  करवाई गई है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साइबर विंग IFSO यूनिट ने FIR दर्ज की है. वहीं दिल्ली पुलिस ने मामले पर IPC की धारा 153 (धर्म, जाति, समूह के आधार पर नफरत फैलाना), 153A, 465 (जालसाजी करना), 469 (नुकसान पहुंचाने के लिए जाली दस्तावेज या इलेक्ट्रिक रिकॉर्ड पेश करना), 171G (चुनाव के परिणामों को प्रभावित करने के लिए गलत बयान पेश करना) और IT एक्ट की धारा 66C (पहचान की चोरी करना) के तहत मामला दर्ज किया है.

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मामले को लेकर दिल्ली पुलिस ने X और फेसबुक को लेटर लिखा है. साथ ही उन्होंने दोनों सोशल मीडिया प्लेटफार्म से वीडियो को लेकर जानकारी मांगी है. पूछा है कि किन-किन अकाउंट से ये वीडियो पोस्ट किया गया है.

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