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भोपाल के तालाब में ऐसी मछली मिली जिसे देखकर लोग भौंचक्के रह गए!

मछली का जबड़ा मगरमच्छ जैसा.

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पता चला कि ये एलिगेटर गार है. (फोटो सोशल: मीडिया)

मान लीजिए कि आप मछली पकड़ने गए हैं और आपके जाल में क्रोकोडाइल फिश फंस जाए. क्रोकोडाइल फिश नहीं समझते? अगर नहीं, तो समझिए. पहले तो बता देते हैं हम इसके बारे में बात क्यों कर रहे हैं. दरअसल, 18 अप्रैल को भोपाल में करीब ढाई किलो वजन की और डेढ़ फीट लंबी एक मछली मिली. इस मछली का जबड़ा मगरमच्छ जैसा था. ऐसी मछली को कहते हैं- एलिगेटर गार या क्रोकोडाइल फिश.

गांव के तालाब से मिली ये मछली

आजतक से जुड़े इज़हार हसन खान की रिपोर्ट के मुताबिक, भोपाल के खानुगाव में रहने वाले अनस 18 अप्रैल को मछली पकड़ने गए थे. अपने गांव के ही तालाब में. इसी दौरान उनके मछली पकड़ने के कांटे में एक मछली फंसी, जो मगरमच्छ जैसी दिख रही थी. अनस ने बताया कि वह डिस्कवरी चैनल देखने के शौकीन हैं और उन्होंने इस तरह की मछलियां डिस्कवरी चैनल पर देखी थीं. जानकारी जुटाने पर उन्हें पता चला कि ये एलिगेटर गार है. इसके बाद से ही इस मछली की फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं.

मछली का मुंह मगरमच्छ जैसा है. (फोटो सोशल मीडिया)
एलिगेटर गार कौन सी मछली है?

नैशनल ज्यॉग्रैफिक पर दी गई जानकारी के मुताबिक एलीगेटर गार, गार परिवार की सबसे बड़ी प्रजाति है. ऐसी मछलियां उत्तरी अमेरिका में मीठे पानी में पाई जाती हैं. लेकिन ये खारे पानी को भी सहन कर सकती हैं. उम्र 18 से 20 साल होती है. शरीर टारपीडो के आकार का होता है. आमतौर पर रंग भूरा या जैतून जैसा होता है. बड़े-बड़े दांत होते हैं. मांसाहारी होती हैं. यह मछली करीब 10 फीट (लगभग 3 मीटर) तक लंबी हो सकती है. इनका वजन 350 पांउड (करीब 159 किलोग्राम) तक हो सकता है.

एलीगेटर गार दिन में सुस्त रहती है और रात को शिकार करती है. आमतौर पर पानी में रहने वाले जीवों, जैसे कछुओं का शिकार करती है. लेकिन खतरा महसूस होने पर इंसानों पर भी हमला कर देती है. उत्तरी अमेरिका में इसके अटैक के केस सामने आते रहते हैं. एलिगेटर गार को लोग पालना भी पसंद करते हैं. 5 इंच के इस मछली के बच्चे की कीमत 1 हजार से 2 हजार रुपए तक होती है. मगरमच्छ जैसे जबड़े होने के कारण इसे क्रोकोडाइल फिश भी कहा जाता है.

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