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नोएडा के स्कूल में नर्सरी की बच्ची के साथ डिजिटल रेप का आरोप, तीन गिरफ्तार

आरोप है कि स्कूल में काम करने वाले सफाईकर्मी ने पीड़ित बच्ची का यौन उत्पीड़न किया. घरवालों को जब इसका पता चला तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. जिसके बात आरोपी नित्यानंद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. मगर मामला बढ़ने के बाद क्लास टीचर और स्कूल के सिक्योरिटी सुपरवाइजर को भी गिरफ्तार किया गया.

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नर्सरी की बच्ची के साथ डिजिटल रेप का आरोप (प्रतीकात्मक फोटो)
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भूपेंद्र चौधरी

नोएडा के एक नामी निजी स्कूल में साढ़े तीन साल की बच्ची के साथ कथित डिजिटल रेप का मामला सामने आया है. पीड़ित बच्ची के घरवालों का आरोप है कि स्कूल के जूनियर विंग में काम करने वाले सफाईकर्मी ने बच्ची का यौन उत्पीड़न किया.

आजतक के भूपेन्द्र चौधरी की रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ित बच्ची ने स्कूल जाने से मना कर दिया. घरवालों के मुताबिक बच्ची गुमसुम रहने लगी थी. परिजनों ने जब डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि बच्ची के प्राइवेट पार्ट को चोट पहुंचाई गई थी. बच्ची से पूछने पर पता चला कि स्कूल में ही काम करने वाले एक शख्स ने उसका यौन उत्पीड़न किया है.

पीड़ित बच्ची के परिजनों ने 10 अक्तूबर को थाना सेक्टर 20 में मुकदमा दर्ज करवाया.  नोएडा पुलिस ने आरोपी निठारी निवासी नित्यानंद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. आरोपी स्कूल में ही सफाईकर्मी का काम करता था. गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आगे की जांच करते हुए लापरवाही के आरोप में क्लास टीचर और स्कूल के सिक्योरिटी सुपरवाइजर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इस पूरे मामले पर स्कूल प्रशासन का कहना है कि जांच में पुलिस का पूरा सहयोग कर रहे हैं. 
 

क्या होता है डिजिटल रेप

कंट्री लॉ फर्म के मुताबिक डिजिटल रेप का नाम अंग्रेजी शब्द 'डिजिट' से लिया गया है. जिसका सीधा संबंध हाथ या पैर की उंगलियों से है. डिजिटल रेप नाम सुनकर पहली बार में ऐसा लगता है कि इसका संबंध डिजिटल गैजेट या वर्चुअल यौन उत्पीड़न से है. लेकिन असल में ऐसा नहीं है. एक जेंडर न्यूट्रल शब्द है और किसी भी प्रकार के पीड़ित या अपराधी पर लागू होता है. डिजिटल बलात्कार में पीड़ित के शरीर में बिना सहमति के कोई अंग या कोई वस्तु डालने का कार्य शामिल है. यह जघन्य कृत्य पीड़ित की निजता, गरिमा और मानसिक शांति का उल्लंघन करता है. जिससे उन्हें आघात पहुंचता है.

आसान भाषा में कहें तो डिजिटल रेप का मतलब है, “बिना इजाजत किसी के प्राइवेट पार्ट के साथ अपने हाथोंं की उंगलियों या पैरों के अंगूठे से पेनिट्रेशन करना.” निर्भया मामले के बाद डिजिटल रेप शब्द सबसे पहले सुनने को मिला. इसके बाद डिजिटल रेप को अपराध माना गया. उस वक्त इसे IPC सेक्शन 375 और पॉक्सो एक्ट के तहत दंडनीय अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया. 

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