The Lallantop

UP में प्रदर्शन कर रहे RO-ARO अभ्यर्थियों के समर्थन में उतरे अखिलेश यादव, BJP को बुरी तरह घेरा

UPPSC ने 5 नवंबर को घोषणा की थी कि समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी (RO-ARO) प्रीलिम्स परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को तीन शिफ्ट में आयोजित की जाएगी.

post-main-image
समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव (फाइल फोटो- आजतक)

उत्तर प्रदेश में PCS और RO-ARO की प्रीलिम्स परीक्षा को लेकर बवाल मचा हुआ है. अभ्यर्थियों की मांग है कि ये परीक्षाएं एक ही दिन कराई जाएं (UP RO ARO Exam). बड़े विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी गई है. अब समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव भी अभ्यर्थियों के समर्थन में उतर आए हैं (Akhilesh Yadav). उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी अभ्यर्थियों की इस मांग में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है.

समाजवादी पार्टी मुख्यालय की तरफ से जारी एक बयान में अखिलेश यादव ने BJP को घेरते हुए कहा,

BJP ने उम्मीदवारों की भर्ती नहीं की बल्कि धोखाधड़ी में लिप्त रही. जब एक धोखाधड़ी पकड़ी जाती है तो BJP धोखाधड़ी का दूसरा रूप पेश करती है. अभ्यर्थियों ने दो पालियों में परीक्षा आयोजित करने की BJP की साजिश को समझ लिया है. इसलिए वो इसके खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं और समाजवादी उनकी जायज मांगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है.

अखिलेश यादव ने आरोप लगाते हुए कहा,

ये BJP की एक चाल है ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि युवाओं को सरकारी नौकरी ना मिले और वो बेरोजगार रहें. इससे BJP के मुनाफाखोरों का खजाना भरता रहेगा और वो BJP को दान देते रहेंगे.

अखिलेश यादव ने दावा किया कि बेरोजगार युवा BJP की मंशा को समझ चुके हैं इसलिए वो अब चुनाव में BJP को हराने का संकल्प ले रहे हैं.

क्या है मामला?

बता दें, UPPSC ने 5 नवंबर को घोषणा की थी कि समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी (RO-ARO) प्रीलिम्स परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को तीन शिफ्ट में आयोजित की जाएगी. इसके अलावा प्रांतीय सिविल सेवा (PCS) प्रीलिम्स परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को दो शिफ्ट में आयोजित की जाएगी. अभ्यर्थी इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि अलग-अलग दिनों पर परीक्षा आयोजित करना नियमों के खिलाफ है. छात्रों का कहना है कि इससे रिजल्ट पर असर पड़ेगा, क्योंकि एक से अधिक पालियों में परीक्षा होने पर रिजल्ट के लिए नॉर्मलाइजेशन यानी मानकीकरण की प्रक्रिया अपनाई जाएगी.

ये भी पढ़ें- 'वन डे वन शिफ्ट', UPPCS और RO/ARO परीक्षा पर मचे बवाल की पूरी कहानी

नॉर्मेलाइजेशन को आप आसान भाषा में ऐसे समझिए. एक ही एग्जाम अलग-अलग दिन होंगे तो उसके लिए अलग-अलग प्रश्न पत्र होंगे. इसमें ज्यादा संभावना है कि एक के मुकाबले दूसरा प्रश्न पत्र कठिन हो. इसी अंतर को पाटने के लिए नॉर्मेलाइजेशन की प्रक्रिया अपनाई जाती है. ज्यादातर परीक्षाओं में परसेंटाइल स्कोर के आधार पर इसे एडजस्ट किया जाता है. इसका उद्देश्य है कि अलग-अलग प्रश्न पत्र होने के कारण किसी छात्र को फायदा या नुकसान ना हो. छात्रों का आरोप है कि सरकार ने जो प्रक्रिया अपनाई है वो साइंटिफिक नहीं है.

वीडियो: रखवाले: UP के DGP प्रशांत कुमार ने अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ के बारे में क्या कहा?