महाराष्ट्र सरकार में जगह ना मिलने से नाराज़ चल रहे छगन भुजबल को अजित पवार ने जवाब दिया है. भुजबल ने बयान मीडिया में दिया था तो पवार ने भी जवाब मीडिया में दिया है. सीनियर एनसीपी नेता की नाराजगी पर अजित पवार ने कहा कि कभी-कभी दूसरों को भी मौका देना चाहिए. हालांकि, इस बयान का एक हिस्सा भुजबल के लिए खुशखबरी हो सकता है. NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक अजित पवार ने कहा,
नाराज छगन भुजबल की कड़वी बातों का अजित पवार ने दिया जवाब, 'मंत्री' वाला कार्ड भी खेला
महाराष्ट्र चुनाव में NDA को बहुमत मिलने के बाद देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार का गठन हुआ. NCP अध्यक्ष अजित पवार को इस बार भी डिप्टी सीएम की कुर्सी मिली. लेकिन मंत्री पद की आस में बैठे छगन भुजबल जैसे कुछ नेताओं को निराशा हाथ लगी.
"कुछ लोग इसलिए नाराज़ हैं क्योंकि उन्हें मंत्रिमंडल में नहीं लिया गया... लेकिन कभी-कभी नए लोगों को मौका देना पड़ता है. बेवजह ग़लतफ़हमी पैदा करना ठीक नहीं है."
इसके साथ ही पवार ने सफाई देते-देते एक बड़ा बयान भी दिया, जो भुजबल और उनके जैसे नाराज़ चल रहे वयोवृद्ध नेताओं के लिए अच्छी खबर हो सकती है. डिप्टी सीएम ने कहा,
"हमने इस बारे में भी सोचा है कि हम (वरिष्ठ) लोगों को केंद्र में कैसे मौका दे सकते हैं. बजाय इसके कि उन्हें राज्य सरकार में एक और मौका दिया जाए. अजित पवार कभी दूसरों का अनादर नहीं करता."
क्यों नाराज हैं भुजबल?
महाराष्ट्र चुनाव में NDA को बहुमत मिलने के बाद देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार का गठन हुआ. NCP अध्यक्ष अजित पवार को इस बार भी डिप्टी सीएम की कुर्सी मिली. लेकिन मंत्री पद की आस में बैठे छगन भुजबल जैसे कुछ नेताओं को निराशा हाथ लगी. सरकार में 41 विधायकों वाली NCP से 9 मंत्री बनाए गए हैं. लेकिन 77 साल के छगन भुजबल, जो पिछली सरकार में मंत्री थे, खाली हाथ रहे.
सरकार के गठन के बाद भुजबल ने मीडिया के साथ नाराज़गी ज़ाहिर की. यहां तक कि घुमा-फिरा कर पार्टी छोड़ने तक की धमकी दे दी. 16 दिसंबर को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा,
“मैं आपके (NCP) हाथ का खिलौना नहीं हूं जो हर चीज़ आंख मूंद कर मानता चला जाऊंगा. छगन भुजबल इस तरह का आदमी नहीं है.”
जब पत्रकारों ने भुजबल से भविष्य की राह पूछी तो उन्होंने किशोर कुमार के गाने की लाइन का इस्तेमाल करते हुए कहा, “देखते हैं. जहां नहीं चैना, वहां नहीं रहना.” इतना ही नहीं भुजबल ने यहां तक कह दिया कि फडणवीस तो उन्हें मंत्रिमंडल में रखना चाहते थे लेकिन किसी और ने उनका नाम रिजेक्ट करवा दिया.
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हालांकि, अजित पवार ने भुजबल की नाराज़गी दूर करने के लिए केंद्र सरकार में मंत्री बनाने का 'कार्ड' फेंका है. उन्होंने इस बात के संकेत दिए हैं कि भविष्य में भुजबल केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में बतौर मंत्री देखे जा सकते हैं. देखना होगा कि क्या वाकई में भुजबल का ख्याल रखा जाएगा या वो 'खिलौना' साबित होंगे.
वीडियो: क्या छगन भुजबल NCP छोड़ने वाले हैं?