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'देश के मुसलमान कट्टर हुए तो ये हो जाएगा', ओवैसी ने BJP पर आरोप लगा ये सब कह दिया!

AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Assasuddin Owaisi) ने देशभर में चल रहे लाउडस्पीकर और बुलडोजर विवाद पर शिवसेना और बीजेपी को घेरा है. साथ ही ये भी कहा कि 'देश के मुसलमान पंचिंग बैग नहीं हैं.'

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AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी. (फाइल फोटो)

 

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Assasuddin Owaisi) ने 30 अप्रैल को औरंगाबाद में मीडिया से बातचीत की. इस दौरान ओवैसी ने लाउडस्पीकर और बुलडोजर विवाद पर शिवसेना और बीजेपी पर जमकर हमला बोला. यही नहीं, ओवैसी ने बीजेपी के ऊपर मुसलमानों के खिलाफ सांप्रदायिक नफरत को बढ़ाने और उसे संस्थागत करने का आरोप लगाया. साथ ही ये भी कहा है कि राज ठाकरे (Raj Thackeray) इस संस्थागत नफरत को बढ़ावा दे रहे हैं.

'अपने राज में लाउडस्पीकर याद नहीं आया'

ओवैसी ने महाराष्ट्र में चल रहे लाउडस्पीकर विवाद को लेकर कहा कि जब महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के गठबंधन की सरकार थी, तब क्या राज्य में लाउडस्पीकर से लोगों को समस्या नहीं थी या उस वक्त उन्हें लाउडस्पीकर याद नहीं आया था. ओवैसी ने एक पूर्व IFS अधिकारी के लेख का हवाला देते हुए पूछा कि अगर कुछ मुसलमान कट्टर हो गए, तो फिर क्या होगा? ओवैसी ने कहा,

"ये जो नफरत को संस्थागत कर रहे हैं, पूर्व आईएफ़एस श्याम शरण को आप जानते होंगे, उन्होंने इसपर अपने एक आर्टिकल में कहा कि अगर भारत के चंद लोग रैडिकलाइज हो जाएंगे तो कैसा होगा. ऐसा उन्होंने कहा मैंने नहीं कहा. तो बीजेपी को ये सोचना चाहिए, पीएम को इसपर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और कानून को मजबूत करना चाहिए."

यही नहीं ओवैसी ने राणा दंपति के द्वारा महाराष्ट्र के सीएम के घर के सामने हनुमान चालीसा पढ़ने की बात करने पर आपत्ति जाहिर करते हुए कहा,

"ये गलत है, एक नेता होने के नाते आपको ऐसा नहीं करना चाहिए, उनपर लगा देशद्रोह का मामला भी ठीक नहीं है. अगर मैं और इम्तियाज साहब ये बोल दें कि देश के प्रधानमंत्री के घर के सामने कुरान पढ़ेंगे, आप तो रैपिड एक्शन फोर्स और सीआरपीएफ लगाकर गोली चला देंगे."

'कानून नहीं बुलडोजर का राज है'

ओवैसी ने कई राज्यों की बीजेपी सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन सरकारों को कोर्ट, कानून, और पुलिस पर भरोसा नहीं है. इसलिए ये मुसलमानों के साथ ऐसा कर रहे हैं. यहां कानून नहीं बुलडोजर का राज चल रहा है. उन्होंने आगे कहा कि मुस्लिम समुदाय को सामूहिक सजा दी जाती है. उनके खिलाफ समाज में नफरत को बढ़ाया जा रहा है. सभी पार्टियां ये साबित करने की कोशिश कर रही हैं कि उनका विश्वास हिंदुत्व में दूसरों से ज्यादा है, इन सब के बीच मुसलमान टारगेट होता है. ओवैसी ने कहा,

"किसी माई के लाल में ये हिम्मत नहीं है कि हमे पंचिंग बैग बना सके. हम पंचिंग बैग नहीं हैं. हम इस देश के नागरिक हैं. देश की राजनीति इसपर हो रही है कि हिंदुत्व की विचारधारा को सबसे ज्यादा कौन मानने वाला है. इसके लिए पार्टियों में रेस लगी है. इसमें भाजपा, कांग्रेस, आप, शिवसेना, एनसीपी और समाजवादी पार्टी हैं."

सिविल कोड पर क्या कहा?

समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड) को लेकर बीजेपी शासित राज्य काफी हद तक सहमत हैं. जहां उत्तराखंड और यूपी की सरकारें इसपर विचार कर रही हैं, वहीं अब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने भी यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा,

"हर कोई यूसीसी का समर्थन करता है. कोई भी मुस्लिम महिला नहीं चाहती कि उसका पति तीन अन्य पत्नियों को घर पर लेकर आए और तीन शादियां करे. ऐसा कौन चाहेगा? यह मेरा मुद्दा नहीं है. यह मुस्लिम माताओं और महिलाओं का मुद्दा है."

इसपर असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा इस देश में समान नागरिक संहिता की जरूरत नहीं है.  AIMIM चीफ ने कहा, बीजेपी शासित राज्य शराब पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगा रहे हैं? उन्हें इसे तुरंत करना चाहिए. शराब हर बुराई का मूल कारण है. वहीं गोवा में ये कानून है कि अगर महिला 30 साल की उम्र तक बच्चा पैदा नहीं करती, तो उसका पति दूसरी शादी कर सकता है. सिविल कोड की बात कर रहे हैं तो इस पर भी ध्यान देना चाहिए.


विडियो: मस्जिद से चीख-चीखकर असदुद्दीन ओवैसी ने मुसलमानों से क्या कह दिया?