AIIMS का एग्जाम पास करने के लिए 12वीं के बच्चे दिन-रात एक किए रहते हैं. क्योंकि ये मेडिकल की पढ़ाई के लिए देश का सबसे अच्छा इंस्टीट्यूट माना जाता है. लेकिन नरेश बिश्नोई की मंसूबे शायद कुछ और ही थे. नरेश AIIMS में मेडिकल के छात्र थे. लेकिन मेडिकल की पढ़ाई से ज्यादा ध्यान 'मुन्ना भाई MBBS' बनने में था. दिल्ली पुलिस ने नरेश समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है जो NEET का एग्जाम पास कराने के बदले 7 लाख रुपये लेते थे.
AIIMS के स्टूडेंट दूसरों की जगह NEET एग्जाम दे रहे थे, पैसे जान होश उड़ जाएंगे!
AIIMS के चार लड़के पकड़े गए हैं.
इस मामले में पुलिस का कहना है कि गिरोह के मुखिया की पहचान एम्स दिल्ली के सेकेंड इयर के छात्र नरेश बिश्नोई के तौर पर हुई है. पुलिस ने बताया कि उसने संस्थान के कई छात्रों को पैसे का लालच देकर गिरोह में शामिल होने के लिए संपर्क किया था. पुलिस ने कहा कि बिश्नोई ने अभ्यर्थियों से 7 लाख रुपये लेकर प्रथम वर्ष के छात्रों को उनके स्थान पर NEET परीक्षा में बैठाया.
पुलिस ने इस मामले में अब तक आरोपी संजू यादव, महावीर, जितेंद्र और नरेश बिश्नोई को गिरफ्तार कर लिया है. यादव एम्स में रेडियोलॉजी का प्रथम वर्ष का छात्र है. और इनमें से बाकी भी एम्स के छात्र हैं जो अभ्यर्थियों की ओर से परीक्षा दे रहे थे. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उनके फोन और लैपटॉप जब्त कर लिए गए हैं और यह जांच की जा है कि क्या अन्य छात्र भी शामिल हैं.
बताया जा रहा है कि ये नकल की स्ट्रैटेजी नई नहीं है. असली उम्मीदवारों की तस्वीर को परीक्षा देने वाले व्यक्ति की तस्वीर के साथ बदलकर फर्जी आधार और एडमिट कार्ड बनाते थे. इस तरह का एक गिरोह पिछले साल भी पकड़ा गया था.
धोखाधड़ी का खुलासा दो महीने पहले शुरू हुआ जब दिल्ली एम्स में रेडियो डायग्नोसिस में बीएससी के सेकेंड इयर के छात्र संजू यादव को 7 मई को एनईईटी परीक्षा के दिन गिरफ्तार कर लिया गया. क्योंकि उसके बायोमेट्रिक्स सही नहीं थे.
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