गुजरात (Gujarat) के अहमदाबाद (Ahmedabad) के एक निजी अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही से बड़ा हादसा हो गया है. रिपोर्ट के मुताबिक एक डॉक्टर ने बिना अनुमति के सात मरीजों की एंजियोप्लास्टी (Angioplasty) कर दी. इस वजह से दो मरीजों की जान चली गई. जबकि बाकी पांच मरीज ICU में भर्ती हैं. घटना की जानकारी सामने आने के बाद राज्य सरकार ने 12 नवंबर को जांच के आदेश दिए हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात के 10 नवंबर को मेहसाणा जिले में एक प्राइवेट अस्पताल की तरफ से हेल्थ कैंप लगाया गया था. जहां से 19 मरीजों को इलाज के लिए अहमदाबाद लाया गया. इनमें से 17 मरीजों की एंजियोग्राफी की गई. वहीं 7 मरीजों की जबरन एंजियोप्लास्टी कर दी गई. इसके बारे मरीजों के परिजनों को बताया भी नहीं गया. इलाज के बाद केस बिगड़ने लगा. इस वजह से महेश गिरधर भाई बारोट और नागर सेनमा नाम के मरीज की मौत हो गई. अब ये एंजियोप्लास्टी क्या होती है, उसके बारे में ज्यादा जानने के लिए यहां क्लिक कर सकते हैं.
मरीजों को बताए बिना कर दी एंजियोप्लास्टी, 2 की मौत हो गई, अहमदाबाद के प्राइवेट अस्पताल की करतूत
Ahmedabad के एक निजी अस्पताल में एक डॉक्टर ने बिना अनुमति के सात मरीजों की Angioplasty कर दी. इस वजह से दो मरीजों की जान चली गई. राज्य सरकार ने 12 नवंबर को जांच के आदेश दिए हैं.
घटना की जानकारी मिलने के बाद मरीज के गांव वालों ने अस्पताल में तोड़फोड़ की. जबकि घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन के सभी अधिकारी फरार हो गए. अस्पताल के डायरेक्टर और चेयरमैन फरार भी फरार बताए जा रहे हैं. वहीं, परिजनों की तरफ से आरोप लगाया गया कि ये प्राइवेट अस्पताल आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) का फायदा उठाने के लिए इस तरह लोगों का बिना सहमति लिए इलाज करता है.
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एक परिजन ने दैनिक भास्कर को बताया कि हमारे गांव से 20-25 लोग गए थे. अचानक रात को अस्पताल ने मेरे पिता को फोन किया और बताया कि आपके पिता की मृत्यु हो गई है. उनकी एंजियोप्लास्टी के लिए किसी का दस्तखत नहीं लिया गया और न ही कोई सूचना दी गई.
इंडिया टुडे से जुड़े अतुल तिवारी की रिपोर्ट के मुताबिक घटना के बाद गुजरात मेडिकल काउंसिल ने अहमदाबाद स्थित ख्याति मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल को नोटिस भेजा है. जीएमसी द्वारा हॉस्पिटल के CEO समेत पांच लोगों से घटना को लेकर जवाब मांगा गया है. GMC ने मैनेजमेंट से मरीजों की एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी की जाने की जानकारी उनके परिवारों को नहीं देने के लिए जवाब मांगा गया है. मेडिकल काउंसिल ने 7 दिनों के भीतर सभी मरीजों के इलाज के डॉक्यूमेंट्स, रिपोर्ट्स समेत अन्य जानकारी देने को कहा है.
वहीं, दूसरी तरफ गुजरात सरकार की तरफ से पूरे मामले की जांच PMJAY की स्पेशल टीम की तरफ से की जा रही है. इसके लिए सभी मरीजों के रिपोर्ट समेत डॉक्यूमेंट्स एकत्र किए गए है. PMJAY योजना के तहत हॉस्पिटल का अब तक का सारा बकाया पेमेंट होल्ड पर रख दिया गया है.
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