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आगरा में पुलिस पर पथराव, कील वाले डंडे से हमला; पुलिस की लाठीचार्ज में 64 घायल!

आगरा के दयालबाग इलाक़े में सरकारी ज़मीन से अवैध क़ब्ज़ा हटाने गई पुलिस पर सत्संगियों ने हमला कर दिया. पहले पुलिस को घेरा और बाद में लोहे की कील वाले लाठी-डंडों से हमला कर दिया.

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पुलिसकर्मियों के साथ पत्रकारों को भी चोट आई है. (फ़ोटो/आजतक)

आगरा पुलिस, शहर के दयालबाग़ इलाक़े में सरकारी ज़मीन पर कथित अवैध निर्माण हटाने गई थी. लेकिन वहां सत्संग सभा के लोगों ने पुलिस पर ही हमला कर दिया. पहले पुलिस को घेरा और बाद में लोहे की कील वाले लाठी-डंडों से  हमला किया. जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया. भीड़ तितर-बितर तो हुई, लेकिन फिर पुलिस पर पथराव करने लगी. इसमें पुलिसकर्मियों के साथ पत्रकारों को भी चोट आई. पुलिस की लाठीचार्ज में भी 64 लोग घायल हुए हैं. इस घटना के कई वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए गए हैं.

ये सब हुआ क्यों?

जिस इलाक़े में बवाल हुआ है, वहां एक ज़मीन को घेरते हुए दीवार और गेट है. आगरा प्रशासन की मानें, तो ज़मीन सरकारी है. दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, प्रशासन ने राधास्वामी सत्संग सभा को नोटिस भेजा था कि वो सरकारी ज़मीन और रास्तों से अतिक्रमण हटाएं. लेकिन सत्संग सभा ने ऐसा नहीं किया. अतिक्रमण हटाने की मियाद 22 सितंबर को पूरी हो गई. 

फिर 23 सितंबर को प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की. सुबह 9 बजे पुलिस-पीएसी दयालबाग़ पहुंचे. यहां पहले से ही राधास्वामी सभा के पदाधिकारी और सत्संगी मौजूद थे. उन्होंने पुलिस का विरोध किया. लेकिन पुलिस ने रास्ते पर लगे गेट को बुलडोज़र से तोड़ दिया.

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क़रीब साढे़ तीन घंटे तक प्रशासन की कार्रवाई चली. मगर कथित तौर पर रात के अंधेरे में सत्संग सभा ने वहां फिर से अपना गेट लगा दिया. इसके बाद राजस्व विभाग की ओर से सत्संग सभा के सदस्यों पर मुक़दमा दर्ज किया गया. 12 लोगों को नामजद किया है. 

आज - 24 सितंबर को - जब फ़ोर्स फिर से अतिक्रमण हटाने गई, तो सत्संगियों ने उनपर हमला कर दिया.

आजतक से बातचीत के दोरान आगरा पुलिस ने बताया कि अवैध निर्माण हटाने के लिए फोर्स मांगी गई थी. यहां पर पुलिस के काम में बाधा डालते हुए कई लोगों ने पथराव किया. इसमें पुलिसकर्मियों को चोट आई है. इन लोगों से बातचीत करने की कोशिश की गई, लेकिन इन्होंने बातचीत करने से मना कर दिया.

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घटना से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है. इसमें पुलिसवाले एंबुलेंस में बैठे हैं. उन्हें चोटें लगी है. वीडियो में वो हथियार भी दिखाया गया है, जिससे सत्संगियों ने हमला किया था. उस डंडे पर लोहे की कीलें लगी हुई हैं.

अखिलेश यादव ने क्या कहा

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी मामले को लेकर X पर पोस्ट किया है. बीजेपी को निशाने पर लिया. लिखा,

"राधास्वामी मत के माननेवाले सम्पूर्ण विश्व में अपने अध्यात्म, प्रेम, करूणा और सत्संग के लिए अनुकरणीय हैं. दयालबाग सदैव से आस्था, सौहार्द, सेवा और शिक्षा का प्रतीक रहा है. दयालबाग की ज़मीन पर अब सत्ताधारी और पुलिस-प्रशासन मिलकर भाजपाई भू-माफ़ियों की स्वार्थ सिद्धि में लग गये हैं.

ये सत्संग की महान भारतीय परम्परा पर घातक प्रहार है, जिसका आस्थावान और शांतिप्रिय राधास्वामी मतावलंबी पुरज़ोर तरीक़े से विरोध कर रहे हैं. इस अन्याय के विरोध में समाजवादी पार्टी राधास्वामी सत्संग के साथ खड़ी है और दयालबाग को बचाने की मुहिम में हर तरह से साथ है.

भाजपा का धर्म-विरोधी बुलडोज़र जनता नहीं सहेगी."

सत्संग सभा का आधिकारिक पक्ष अभी सामने नहीं आया है. जैसे ही आएगा, दी लल्लनटॉप आप तक पहुंचा देगा.

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