पहलगाम हमले (Pahalgam Attack) के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. एक तरफ पाकिस्तान इस हमले में किसी भी तरह की संलिप्तता से इंकार कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ उसने लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के आतंकियों को पनाह दे रखी है. वहीं इस हमले के जवाब में भारत के एक्शन पर पाकिस्तान सरकार ऐसे प्रतिक्रिया दे रही है मानो युद्ध ही होने वाला है.
'Act of war' कहकर भारत को धमका रहे पाकिस्तान की सेना में आज कितना दम है?
भारत ने पहलगाम के जवाब में कूटनीतिक फैसले लिए हैं. लेकिन पाकिस्तान इसे इस तरह से प्रचारित कर रहा है जैसे भारत उससे जंग की तैयारी कर रहा हो. पाकिस्तान के डिप्टी पीएम इशाक डार ने बयान दिया है कि सिंधु नदी का पानी रोकना ‘एक्ट ऑफ वॉर’ माना जाएगा.
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भारत ने पहलगाम के जवाब में कूटनीतिक फैसले लिए हैं. लेकिन पाकिस्तान इसे इस तरह से प्रचारित कर रहा है जैसे भारत उससे जंग की तैयारी कर रहा हो. पाकिस्तान के डिप्टी पीएम इशाक डार ने बयान दिया है कि सिंधु नदी का पानी रोकना ‘एक्ट ऑफ वॉर’ माना जाएगा.
हालांकि जंग के आसार फिलहाल तो दूर-दूर तक नहीं दिखते हैं. फिर भी, अगर जंग की नौबत आई, तो फौज के स्तर पर कौन किसपर भारी है, ये भी जान लेते हैं.

सेनाओं की क्षमता का आंकलन करने वाली वेबसाइट ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स (Global Firepower Index) के मुताबिक इस समय भारत की सेना दुनिया में चौथे स्थान पर हैं. वहीं पाकिस्तानी सेना को देखें तो वो 12वें स्थान पर आती है. GFI की रैंकिंग तैयार करने के लिए देशों की मिलिट्री पावर, लॉजिस्टिकल क्षमता, जियोग्रॉफी यानी भूगोल, आर्थिक क्षमता, पैरामिलिट्री क्षमता, देश पर कर्ज और डिफेंस बजट जैसे मानकों को आधार बनाया जाता है. ग्लोबल फायरपावर की रैंकिंग में 0.0000 के पावर इंडेक्स स्कोर को परफेक्ट माना जाता है. भारत का स्कोर 0.1184 है. जबकि पाकिस्तान का स्कोर 0.2513 है.

ग्लोबल फायरपावर देशों की सैन्य शक्ति के बीच तुलना करने के लिए अपने एक इंटर्नल फॉर्मूले का इस्तेमाल करती है. मूल्यांकन के समय नंबर कुछ इस तरह दिए जाते हैं जिससे कम टेकनॉलजी वाले देश, या कम विकसित देश भी इसमें कंपीट कर सकें. लिस्ट को और भी रिफाइन करने के लिए इन देशों को बोनस स्कोर भी दिए जाते हैं. कुछ मौकों पर पेनल्टी भी लगाई जाती है. सैनिकों की संख्या, देश की आर्थिक स्थिरता, सैन्य उपकरण, उपलब्ध संसाधन और भौगोलिक स्थिति जैसे 60 से ज़्यादा मानकों को ध्यान में रखकर ये रैंकिंग तैयार की जाती है.
भारत बनाम पाकिस्तानअब एक नजर डालते हैं GLOBAL FIREPOWER की लिस्ट पर और समझते हैं कि भारत इसमें कहां ठहरता है? जैसा हमने पहले बताया, भारत इस लिस्ट में 0.1184 के स्कोर के साथ चौथे नंबर पर है. आर्मी, नेवी और एयरफोर्स को मिलाकर बनती है इंडियन आर्म्ड फोर्सेज. इंडियन आर्मी के पास 14 लाख 55 हजार 550 ऐक्टिव सैनिक हैं जबकि रिजर्व सैनिकों की संख्या 11 लाख 55 हजार है. एयरफोर्स के पास 3 लाख 10 हजार 575 सैनिक हैं. वहीं इंडियन नेवी के पास 1 लाख 42 हजार 252 सैनिक हैं.
ग्लोबल फायरपावर अर्धसैनिक बलों यानी पैरामिलिट्री फोर्स की संख्या भी जारी करता है. 25 लाख 27 हजार सैनिकों के साथ दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी पैरामिलिट्री फोर्स भारत के पास है. सेना और पैरामिलिट्री फोर्सेज की संख्या को जोड़ दें तो भारत के पास कुल 51 लाख 37 हजार 550 ऐसे सैनिक हैं जो किसी जंग या आपदा की स्थिति के लिए हमेशा तैयार हैं.
पाकिस्तानपाकिस्तान और भारत के बीच अब तक 4 बार जंग हो चुकी हैं. पाकिस्तान की मिलिट्री क्षमता पर हमेशा से भारत की नजर रहती है. ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025 की रैंकिंग में पाकिस्तान को 3 रैंक का नुकसान हुआ था. 2024 में पाकिस्तान 9वें स्थान पर था. लेकिन 2025 में वो टॉप 10 से बाहर होकर 12वें स्थान पर खिसक गया है. साल 2023 में जो पाकिस्तान 7वें स्थान पर था, उसकी रैंकिंग में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है.
भारत के मुकाबले पाकिस्तान इस लिस्ट में काफी पीछे है. एक नजर डालते हैं आंकड़ों पर और समझते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच कितना फासला है.
- भारत के पास 14 लाख 55 हजार 550 ऐक्टिव सैनिक हैं. वहीं पाकिस्तान के पास 6 लाख 54 हजार ऐक्टिव सैनिक हैं.
- भारत के रिजर्व सैनिकों की संख्या 11 लाख 55 हजार है जबकि पाकिस्तान के पास 5 लाख 50 हजार रिजर्व सैनिक हैं.
- पैरामिलिट्री फोर्स को देखें तो भारत के पास जहां 25 लाख 27 हजार सैनिकों की क्षमता है, वहीं पाकिस्तान के पास 5 लाख की पैरामिलिट्री फोर्स है.
ग्राउंड फोर्स उन बलों को कहते हैं जो जमीनी लड़ाई लड़ते हैं. इसमें मुख्य रूप से थल सेना और उससे जुड़े साजो-सामान, मसलन टैंक, तोपें, बख्तरबंद गाड़ियां, रॉकेट लॉन्चर सिस्टम आदि आते हैं. एक नजर डालते हैं भारत और पाकिस्तान, दोनों की ग्राउंड फोर्सेज़ पर.

यहां आपने एक टर्म आता है ‘सेल्फ प्रोपेल्ड और टोड आर्टिलरी'. सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी का मतलब ऐसी तोपें खुद से मूव करने के काबिल होती हैं. वहीं Towed आर्टिलरी उसे कहते हैं जिन्हें किसी गाड़ी से बांधकर खींचा जाता है.
नेवल पावरनेवी वो फोर्स है जो किसी भी जंग का रुख पलटने की ताकत रखती है. 1971 के युद्ध में इंडियन नेवी ने पाकिस्तान के कराची पोर्ट पर बड़ा हमला किया. इससे उनके तेल और गैस के डिपो में आग लग गई. इससे कराची बंदरगाह कई दिनों तक धू-धू कर जलता रहा.

इसके अलावा भारतीय लड़ाकू विमानों ने पूर्वी पाकिस्तान (आज का बांग्लादेश) के कॉक्स बाजार और चिटगांव पर जबरदस्त बमबारी की थी. वर्तमान समय में देखें तो नेवल पावर के मामले में भारत पाकिस्तान से आगे है. इंडियन नेवी के बेड़े में 2 एयरक्राफ्ट कैरियर्स हैं जबकि पाकिस्तान के पास अभी तक एक भी एयरक्राफ्ट कैरियर नहीं है.

1971 के युद्ध में भारतीय वायुसेना के हंटर जेट्स ने लौंगेवाला बॉर्डर पर पाकिस्तानी टैंकों का शिकार किया था. 1999 में हुई कारगिल की जंग के दौरान भी इंडियन एयरफोर्स ने पाकिस्तान की नाक में दम कर दिया था. मॉडर्न वॉरफेयर में एयरफोर्स न सिर्फ हमला करने, बल्कि जासूसी, निगरानी और लॉजिसटिक्स में भी अहम भूमिका निभाती है.
इस लिहाज से ये जरूरी है कि भारत की एयरफोर्स भी लगातार मॉडर्न और सशक्त रहे. हालांकि वर्तमान समय में एयरफोर्स जहाजों की कमी से जूझ रही है. 42 स्क्वाड्रन की स्वीकृत संख्या के बावजूद इंडियन एयरफोर्स इस समय मात्र 31 स्क्वाड्रंस के साथ ऑपरेट कर रही है. दूसरी तरफ पाकिस्तानी बेड़े में कुछ नए विमान, जैसे JF-17 Thunder, शामिल हुए हैं. पाकिस्तान ने इन्हें चीन से लिया है.
तो दोनों देशों के एयर पावर पर एक नजर डालते हैं, और देखते हैं कि आंकड़ों के लिहाज से भारत और पाकिस्तान कहां ठहरते हैं.

पहलगाम हमले के बाद से भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा रहा है. भारत ने पंजाब स्थित अटारी बॉर्डर को बंद कर दिया है. जवाब में पाकिस्तान ने अपनी तरफ वाघा बॉर्डर बंद कर दिया है. उसने भारत के लिए अपना एयरस्पेस भी बंद कर दिया है. वहीं भारत ने सिंधु जल समझौते को होल्ड कर दिया है, और यही पाकिस्तान को सबसे अधिक खल रहा है.
(यह भी पढ़ें: सिंधु जल समझौता क्या है? पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान का पानी रोक दिया)
हालांकि जंग के आसार नहीं हैं. भारत को लेकर विदेश जानकारों का भी कहना है कि हमें इस हमले का जवाब देना चाहिए, लेकिन जोश में नहीं, होश में. फिलहाल सरकार का रुख देखकर भी यही लगता है कि वो पाकिस्तान को जंग के मैदान में नहीं, बल्कि दूसरे मोर्चों पर नुकसान पहुंचाने का इरादा रखती है.
वीडियो: तारीख: कहानी अटारी-वाघा बॉर्डर की जिसे भारत और पाकिस्तान ने बंद कर दिया है