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ममता बनर्जी के बाद भगवंत मान ने भी 'INDIA' को 'नो' बोल दिया, कहा - 'सभी सीटों पर अकेले लड़ेंगे'

INDIA गठबंधन के लिए 24 जनवरी का दिन अच्छी ख़बरों का नहीं रहा. Mamata Banerjee के बाद Bhagwant Mann से भी बड़ा झटका मिला है.

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पहले बंगाल, अब पंजाब भी हाथ से गया. (फ़ोटो - PTI/सोसल मीडिया)

INDIA गठबंधन को आज, 24 जनवरी को एक और झटका लगा है. पहले ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कहा कि पश्चिम बंगाल की सभी सीटों पर उन्होंने अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है. अब पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने भी ऐसा ही कुछ कह दिया है. बोले कि आम आदमी पार्टी (AAP) पंजाब की सभी 13 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी. हालांकि, भगवंत मान ने ये भी कहा कि वो ममता बनर्जी को फॉलो नहीं करेंगे.

मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मान ने कहा, 

''देश में पंजाब बनेगा हीरो, आम आदमी पार्टी 13-0.''

अकेले लड़ने की घोषणा करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि उम्मीदवारों का चयन जीतने की क्षमता के आधार पर किया जाएगा. आगे कहा, 

‘हमें 40 संभावित उम्मीदवारों की सूची मिली है. इनमें से 13 को चुना जाएगा. हम उनका सर्वे कराएंगे. जीतने की योग्यता की कसौटी पर खरा उतरने वालों को ही टिकट दिया जाएगा.’

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पंजाब में 13 लोकसभा सीटें हैं. कांग्रेस के छह मौजूदा सांसद हैं. राज्य में AAP का केवल एक सांसद है, जालंधर से सुशील कुमार रिंकू. ये सीट कांग्रेस सांसद संतोख चौधरी के निधन के बाद सीट खाली हुई थी, इसके बाद हुए लोकसभा उपचुनाव में सुशील ने सीट अपने नाम की थी.

इस महीने की शुरुआत में तो भगवंत मान ने गठबंधन के लिए नरम रुख के संकेत दिए थे, कि कांग्रेस के साथ गठबंधन पर अंतिम फ़ैसला आलाकमान का ही होगा. इसके बाद AAP ने चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ा. राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने भी इस क़दम को इंडिया ब्लॉक के चुनावी सहयोग की शुरुआत बताया था. गठबंधन की एक तस्वीर दिखी, लेकिन अब मेज़ उलट गई है. टेबल्स हैव टर्न्ड.

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Punjab Congress के नेताओं ने किया था विरोध

बीते कुछ समय से ही पंजाब में सभी की निगाहें AAP और कांग्रेस पर टिकी हुई थीं. स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने INDIA गठबंधन का पुरज़ोर विरोध किया था. इस दलील के साथ कि राज्य में AAP सरकार ने उन पर ‘बदले की कार्रवाई’ की है. कई नेताओं को भ्रष्टाचार और अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया है.

कांग्रेस ने राज्य में पहले ही अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में बैठकें करना शुरू कर दिया था. इससे संकेत ये गया कि उनका AAP के साथ कोई रिश्ता नहीं है. नाम न छापने की शर्त पर कई कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पुष्टि की कि पंजाब में कोई गठबंधन नहीं हो सकता.