(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो भी सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछ लें. लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
14 जून. यानी वर्ल्ड ब्लड डोनर डे. अलग-अलग लेवल पर ब्लड डोनेशन को लेकर जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं. पर बहुत लोग ब्लड डोनेट करने से डरते हैं. ये सोचते हैं कि ब्लड डोनेट करने से उनके शरीर में खून की कमी हो जाएगी? तो क्या ये सच है? जवाब है, नहीं. ब्लड डोनेट करने के अपने फ़ायदे हैं. क्या फ़ायदे हैं? ये हमें बताया एक्सपर्ट्स ने. साथ ही ये भी जानते हैं कि वो कौन लोग हैं, जो ब्लड डोनेट नहीं कर सकते. दूसरी बात. अगर आप ब्लड डोनेट करने जा रहे हैं, तो किन बातों का ध्यान रखें? साथ ही जानेंगे ब्लड डोनेशन से जुड़े कुछ आम मिथक.
World Blood Donor Day: रक्तदान के फायदे जान लेंगे तो आपका डर चुटकी में गायब हो जाएगा
सबसे ज़रूरी बातः रक्त दान करने से खून की कमी नहीं होती है.

ये हमें बताया सूर्यप्रभा सदासिवन ने.

आपके एक यूनिट ब्लड से तीन लोगों की जान बचाई जा सकती है. ब्लड डोनेशन आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है. इससे हार्ट हेल्थ सुधरती है. नियमित ब्लड डोनेशन से ब्लड में आयरन की मात्रा भी कंट्रोल होती है, ब्लड डोनेशन के बाद शरीर खून की कमी को पूरा करने में मदद करता है. ऐसे में नई रक्त कोशिकाएं बनती हैं.
-18 साल से कम और 65 साल से ज़्यादा के लोग ब्लड डोनेट नहीं कर सकते
-अगर नॉर्मल हेल्थ प्रॉब्लम हैं जैसे बुखार, सिर दर्द, सर्दी, खांसी, ज़ुकाम, बुखार या दस्त तो आप ब्लड डोनेट नहीं कर सकते
-डायबिटीज है और इंसुलिन इंजेक्शन का इस्तेमाल करते हैं तो रक्तदान नहीं कर सकते. हालांकि, अगर डायबिटीज को डाइट और ओरल दवाइयों से कंट्रोल में रख रहे हैं तो कर सकते हैं.
-ब्लड डोनेट करने के लिए आपका वज़न 45 किलो से ज़्यादा होना चाहिए
-हीमोग्लोबिन लेवल 12.50 ग्राम से ज़्यादा होना चाहिए
-औरतें डिलीवरी के एक साल बाद ही ब्लड डोनेट करें वो भी ब्रेस्टफ़ीडिंग बंद करने के बाद
-डोनर को किसी भी तरह का इन्फेक्शन नहीं होना चाहिए

-डॉक्टर्स का मानना है कि हार्ट पेशेंट को ब्लड डोनेट नहीं करना चाहिए
-कुछ दवाइयां ऐसी होती हैं जो डोनर या रिसीवर के लिए जोखिम पैदा कर सकती हैं
-मेडिकल ट्रीटमेंट करवा रहे हैं तो किसी डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही ब्लड डोनेट करें
-ब्लड किसी लाइसेंस वाले ब्लड बैंक में ही डोनेट करें, जहां एक डॉक्टर भी मौजूद हो
-ब्लड डोनेट करने से पहले कुछ हल्का खाएं और पानी पिएं. ये कमज़ोरी से बचने में मदद कर सकता है
-ब्लड डोनेट करने से 1 दिन पहले शराब न पिएं
-कम से कम 2-3 घंटे पहले सिगरेट न पिएं
-पहचान पत्र ज़रूर साथ रखें
-ब्लड डोनेट करने के फौरन बाद न उठें
-कम से कम 5-10 मिनट आराम करें
-ब्लड डोनेट करने के बाद कुछ ऐसा खाएं जिसमें चीनी भरपूर हो ताकि एनर्जी वापस आए
-अगले 24-48 घंटों तक फ्लूइड ज़्यादा लें
-ब्लड डोनेट करने के 4-5 घंटे बाद तक कोई ज़ोरदार शारीरिक मेहनत न करें
-अगले 24 घंटे के लिए संतुलित खाना ही खाएं
-अगले 24 घंटे तक शराब या सिगरेट न पिएं
-ब्लड डोनेट करने से आपका शरीर कमज़ोर नहीं पड़ता
-खून की कमी नहीं होती
-ब्लड डोनेट करने के 48 घंटे के अंदर ही आपका शरीर नया खून बना देता है
-अगर आप हेल्दी हैं तो 3-4 महीनों में फिर से ब्लड डोनेट कर सकते हैं
-ब्लड डोनेट करने में दर्द नहीं होता

-ब्लड डोनेट करने के बाद आपको पूरे दिन का आराम करने की ज़रूरत नहीं पड़ती है
-ब्लड डोनेट करने से HIV नहीं होगा
-कोविड वैक्सीन लेने के 14 दिन बाद ब्लड डोनेट कर सकते हैं
-कोविड से ठीक होने के 28 दिन बाद ब्लड डोनेट कर सकते हैं
-देश में ज़रूरत के मुताबिक, 70 मिलियन यूनिट ब्लड की कमी है, जैसे वो पेशेंट जिन्हें ब्लड डिसऑर्डर हैं, एक्सीडेंट के मरीज़
-कैंसर के पेशेंट्स
-सर्जरी के पेशेंट्स
-डिलीवरी के बाद भी औरतों को खून की कमी होती है.
उम्मीद है ब्लड डोनेशन से जुड़े आपके मन में जो सवाल थे, वो दूर हो गए होंगे. अगर आप ब्लड डोनेट कर सकते हैं तो ज़रूर करें, इससे किसी की जान बच सकती है.