आदित्य एल-1 (Aditya L1) यानी भारत के पहले सौर मिशन (India's first solar mission) ने अपनी पहली सेल्फी भेजी है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) ने 7 सितंबर को ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट कर इस बारे में बताया. जानकारी दी कि आदित्य एल-1 ने अंतरिक्ष से धरती और चांद की फोटो भेजी है. ISRO ने लिखा,
सूरज की तरफ जाते Aditya L1 ने ऐसी पहली सेल्फी भेजी, ISRO देखता रह गया!
Aditya L1 ने अंतरिक्ष से भेजीं तस्वीरें. ISRO ने ट्विटर पर बताया Aditya L1 ने धरती और सूरज के बीच अपने निश्चित पॉइंट L1 पर पहुंचने से पहले अपनी पहली सेल्फी भेजी है. साथ ही धरती और चांद की खूबसूरत तस्वीरें भी शेयर की हैं.
दूसरी ऑर्बिट में पहुंच चुका है आदित्य एल-1"आदित्य एल-1 मिशन. इसने सूरज और धरती के बीच L1 पॉइंट पर पहुंचने से पहले सेल्फी ली है. साथ ही धरती और चांद की फोटो भी भेजी हैं."
इससे पहले 5 सितंबर को आदित्य एल-1 ने धरती की ऑर्बिट में दूसरी छलांग लगाई थी. ये अब 282 किमी*40,225 किमी के ऑर्बिट में है. ISRO ने एक ट्वीट में बताया था कि आदित्य एल-1 मिशन ने अपना दूसरा कदम सफलता के साथ पूरा कर लिया है.
ISRO ने ये भी बताया था कि ऑपरेशन के दौरान मॉरीशस, बेंगलुरु और पोर्ट ब्लेयर के टेलोमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (Istrac) और ISRO के ग्राउंड स्टेशनों ने सैटेलाइट को ट्रैक किया है. आदित्य एल-1 अब अपनी नई कक्षा 82 किमी*40,225 किमी में पहुंच गया है. 10 सितंबर 2023 करीब 2:30 बजे इसका अपनी अगली कक्षा में जाना निर्धारित है.
आदित्य एल-1 आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के लॉन्च स्टेशन से 2 सितंबर को अंतरिक्ष में भेजा गया था. इसके एक दिन बाद ही आदित्य एल-1 अपनी पहली कक्षा 245 किमी*22,459 किमी में पहुंच गया था.
आदित्य एल-1 सूरज के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जानकारी जुटाने के लिए बनाई गई सैटेलाइट है. ये सूरज और धरती के बीच एल-1 पॉइंट पर रहेगी. ये वो पॉइंट है जहां धरती और सूरज का गुरुत्वाकर्षण बल एक-दूसरे को संतुलित करता है. मतलब अगर इस पॉइंट से गुजरने वाले ऑर्बिट पर कोई सैटेलाइट हो तो वो न सूरज की तरफ जाएगी, न ही धरती की तरफ.
सूरज और पृथ्वी दोनों में गुरुत्वाकर्षण बल है. सूरज का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी से कहीं ज्यादा है. ऐसे में दोनों के गुरुत्वाकर्षण बल 5 पॉइंट्स पर संतुलित होते हैं. एल-1 इन्हीं में से एक पॉइंट है. जहां आदित्य एल-1 पहुंचेगा. ये सूरज की तरफ देखते हुए उसकी जानकारी इकट्ठा करेगा. ये 18 सितंबर तक सूरज की तरफ बढ़ते हुए 5वीं कक्षा में पहुंचेगा. इसके बाद ये एल-1 पॉइंट की तरफ आगे बढ़ेगा.
ये भी पढ़ें-
Chandrayan 3 के बाद Aditya L-1 ने अब क्या किया, जो ISRO वाले खुश हैं?
ISRO का Aditya L1 मिशन सूरज के पास आखिर किस मकसद से जा रहा है?
Aditya-L1 मिशन सूरज के पास कैसे पहुंचेगा? लॉन्च डेट के साथ-साथ ISRO ने सब बताया
वीडियो: ISRO का आदित्य L1 मिशन सूरज के पास किस मकसद से जा रहा? इसमें लगे सामान के बड़े-बड़े काम जानते हैं?