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Adani-Wilmar से अलग होगा अडानी समूह, अपनी 44% हिस्सेदारी बेचेगा

Wilmar International की सहायक कंपनी Lence Pte Adani Commodities के 31.06% इक्विटी शेयर्स का अधिग्रहण करेगी.

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अडाणी-विल्मर की सबसे चर्चित कंपनी फॉर्च्यून है जिसका खाद्य तेल ने शहरी बाज़ारों पर कब्जा कर लिया है. (India Today)

अडानी एंटरप्राइजेज (AEL) अडानी विल्मर (AWL) से अलग होने जा रहा है. 30 दिसंबर को अडानी समूह की तरफ से इस बात की औपचारिक घोषणा की गई. अडानी विल्मर में अडानी की 44 प्रतिशत साझेदारी थी. अडानी समूह अपनी हिस्सेदारी दो चरणों में बेचेगी.

समझौते के एक भाग के रूप में, विल्मर इंटरनेशनल की सहायक कंपनी Lence Pte अडानी कमोडिटीज के 31.06%  इक्विटी शेयर्स का अधिग्रहण करेगी. विल्मर अडानी की यह हिस्सेदारी 305 रुपये प्रति शेयर से अधिक कीमत पर नहीं खरीदेगी. समझौते के मुताबिक, अडानी एंटरप्राइजेज न्यूनतम पब्लिक शेयर होल्डिंग रिक्वायरमेंट को पूरा करने के लिए अडानी विल्मर में अतिरिक्त रूप से लगभग 13% शेयर बेचेगी.

बिज़नेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक 27 दिसंबर, 2024 तक 42,785 करोड़ रुपये के मार्केट कैपटलाइजेशन के साथ, अडानी विल्मर लिमिटेड भारत की सबसे बड़ी फूड FMCG कंपनी है. इसकी शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में अच्छी खासी पहुंच है. AEL के बोर्ड ने AWL के बोर्ड से नॉमिनेटेड डायरेक्टर्स को हटाने की बात कही है. साथ ही कंपनी का नाम बदल दिया जाएगा. कंपनी ने कहा कि विनिवेश से मिलने वाले पैसों का इस्तेमाल ऊर्जा, परिवहन, लॉजिस्टिक्स और उद्योग में AEL के इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए किया जाएगा.

अडानी विल्मर का सबसे प्रचिलित ब्रांड है फॉर्च्यून. इस नाम से बिकने वाले खाद्य तेल ने शहरी बाज़ारों में बड़ी हिस्सेदारी हासिल कर ली है. अडानी विल्मर तीन प्रमुख क्षेत्रों में काम करता रहा है- खाने वाला तेल, पैकेज्ड फूड और FMCG. 22 से अधिक मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट और एक व्यापक डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क के साथ, कंपनी भारत में 16 लाख से अधिक खुदरा दुकानों तक पहुंच रखती है. मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के 30,600 ग्रामीण कस्बों में इसकी मौजूदगी है. दूसरी तरफ वैश्विक स्तर पर 30 से ज़्यादा देशों को निर्यात भी करती है.

इस घोषणा के बाद, अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में 7.65% की बढ़त के साथ ₹2,593.45 पर बंद हुए. जबकि अडानी विल्मर के शेयर की कीमत में अचानक गिरावट देखी गई. विल्मर के शेयर सबसे निचले स्तर ₹321.65 तक भी पहुंचे. हालांकि, जल्द ही संभलकर ₹329.50 पर बंद हुए, जो BSE में 0.17% की गिरावट थी.

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