केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून, 2019 यानी CAA का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इसके साथ ही ये कानून देशभर में लागू हो गया. सरकार के इस फैसले का कई जगह विरोध भी शुरू हो गया है. चर्चित तमिल फिल्म एक्टर और तमिलागा वेट्री कज़गम (TVK) पार्टी के मुखिया थलापति विजय ने भी CAA का विरोध किया है. विजय ने तमिलनाडु की DMK सरकार से इसे राज्य में न लागू करने की अपील भी की है (Thalapathy Vijay Criticised Modi Government on CAA).
'CAA मंजूर नहीं, ऐसा करो कि... ' एक्टर विजय ने इतना तीखा विरोध क्यों शुरू कर दिया?
Thalapathy Vijay ने CAA को लागू करने पर मोदी सरकार की आलोचना की है. उन्होंने तमिलनाडु सरकार से अब क्या-क्या करने को कह दिया है?

थलापति विजय ने सोमवार, 11 मार्च को X पर एक पोस्ट लिखा. इसमें उन्होंने बताया कि CAA का लागू होना मंजूर नहीं है. इस पोस्ट में उन्होंने एक लेटर शेयर किया है जो तमिल में लिखा गया है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक लेटर में विजय लिखते हैं,
'देश के ऐसे माहौल में जहां सभी नागरिक सामाजिक सौहार्द के साथ रह रहे हैं, वहां भारतीय नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 (CAA) जैसे किसी भी कानून को लागू करना स्वीकार्य नहीं है.'
थलापति विजय ने तमिलनाडु सरकार से ये सुनिश्चित करने का भी अनुरोध किया है कि ये कानून राज्य में लागू न हो. पत्र में लिखा है,
'हमारे नेताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ये कानून (CAA) तमिलनाडु में लागू न हो.'
तमिलनाडु में थलापति विजय के अलावा कई अन्य नेताओं ने भी CAA के नियमों को लागू करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इसे BJP का विभाजनकारी एजेंडा करार दिया है. उन्होंने सोमवार को कहा कि लोग BJP को CAA लागू करने के चलते चुनाव में सबक सिखाएंगे.
केंद्र सरकार का CAA कानून लागू होने से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर- मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है. इसके जरिए 31 दिसंबर, 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी. इन तीन देशों के लोग ही नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे.
नागरिकता के लिए लोगों को आवेदन ऑनलाइन करना होगा. आवेदक को बताना होगा कि वो भारत कब आया. पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज न होने पर भी लोग आवेदन कर पाएंगे.
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नए कानून के बनने से पहले तक किसी भी व्यक्ति को भारतीय नागरिकता लेने के लिए कम से कम 11 साल भारत में रहना अनिवार्य था, लेकिन अब पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों के लिए ये समय अवधि 11 साल से घटाकर 5 साल से अधिक कर दी गई है.
अब से पहले भारत में अवैध तरीके से दाखिल होने वाले लोगों को नागरिकता नहीं मिल सकती थी और उन्हें वापस उनके देश भेजने या हिरासत में रखने का प्रावधान था. लेकिन अब ऐसे लोगों को CAA के तहत देखा जाएगा.
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