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कांग्रेस से निकाले जाने के बाद प्रमोद कृष्णम ने राहुल गांधी को 9 शब्दों में क्या जवाब भेजा?

Congress ने Acharya Pramod Krishnam को पार्टी से निष्कासित कर दिया था. उन पर ये कार्रवाई पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण की गई. अब प्रमोद कृष्णम ने क्या जवाब दिया है?

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आचार्य प्रमोद कृष्णम क्या बोले? (फोटो: X)

कांग्रेस (Congress) ने हाल ही में अपने नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishnam) को पार्टी से निष्कासित कर दिया था. उन पर ये कार्रवाई पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण की गई. पार्टी से निष्कासन के बाद उनकी पहली बार प्रतिक्रिया सामने आई है.

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी को भी टैग किया है. उन्होंने लिखा,

“राम और राष्ट्र पर समझौता नहीं किया जा सकता.”

PM Modi की तारीफ की थी

प्रमोद कृष्णम लगातार सार्वजनिक मंचों पर खुलकर राहुल गांधी का विरोध करते रहे हैं. पिछले कुछ समय से वो BJP के प्रति सहानुभूति भी दिखा रहे थे. उन्होंने राम मंदिर मुद्दे पर पार्टी लाइन से हटकर BJP का समर्थन किया था. उन्होंने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और उनकी जमकर तारीफ भी की थी. मुलाकात के बाद उन्होंने कहा था कि वो राहुल गांधी से मिलने के लिए 1 साल से समय मांग रहे थे, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई. जबकि पीएमओ में फोन करने के 4 दिन बाद ही पीएम मोदी ने मिलने का समय दे दिया. प्रमोद कृष्णम ने हाल में ही कई कैबिनेट मंत्रियों से भी मुलाकात की थी. जिसके बाद कांग्रेस पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया.

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10 फरवरी को कांग्रेस की तरफ से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रमोद कृष्णम को तुरंत छह साल की अवधि के लिए पार्टी से निष्कासित करने के उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसमें आगे बताया गया है कि ये निर्णय अनुशासनहीनता की शिकायतों और पार्टी के खिलाफ बार-बार सार्वजनिक बयानों के बाद लिया गया है.

कौन हैं आचार्य प्रमोद कृष्णम?

आचार्य प्रमोद कृष्णम का जन्म 4 जनवरी, 1965 को उत्तर प्रदेश के संभल में हुआ था. वो 2014 संभल और 2019 में लखनऊ से दो बार कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि दोनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. वो कांग्रेस की उत्तर प्रदेश सलाहकार परिषद का हिस्सा भी रह चुके हैं, जिसका गठन तत्कालीन यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा की मदद के लिए किया गया था.

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