असम सरकार ने NRC (National Register of Citizens) को लेकर बड़ा एक फैसला लिया है. इसके मुताबिक, NRC के लिए अप्लाई करना अनिवार्य है. बिना NRC आवेदन के आधार कार्ड (Aadhar Card) नहीं दिया जाएगा. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने कहा कि बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ को देखते हुए राज्य सरकार ने यह सख्त कदम उठाया है और एप्लिकेशन वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को मजबूत किया गया है. ये नियम केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर लागू नहीं होंगे.
NRC अप्लाई किए बिना अब नहीं मिलेगा 'आधार कार्ड', असम की हिमंता सरकार का बड़ा फैसला...
CM Himanta Biswa Sarma ने कहा कि बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ को देखते हुए राज्य सरकार ने यह सख्त कदम उठाया है और एप्लिकेशन वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को मजबूत किया गया है.
आजतक की खबर के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने ये फैसला कुछ जिलों में अवैध रूप से बढ़ती आबादी को देखते हुए लिया. इससे पहले मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने दावा किया था राज्य के चार जिलों से आबादी से ज्यादा आधार एप्लिकेशन आए हैं. जिस पर उन्होंने फर्जीवाड़े की संभावना जताई थी. उन्होंने कहा था कि इनमें बारपेटा 103.74 फीसदी, ढुबरी 103 फीसदी, और मोरिगांव और नगांव से 101 फीसदी आवेदन आए हैं. NRC पर लिए गए फैसले के बाद उन्होंने कहा-
"असम पुलिस, त्रिपुरा पुलिस और BSF ने पिछले दो महीनों में घुसपैठ की कई कोशिशों को नाकाम किया है. यही वजह है कि बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ हमारे लिए चिंता की बात है. हमें अपने सिस्टम को मजबूत करना होगा और इसलिए आधार मकेनिज्म को टफ बनाया गया है."
हिमंता बिस्वा सरमा सरकार ने कहा कि अगर आवेदक या उसके परिवार ने NRC के लिए आवेदन नहीं किया है तो यूनिक आइडेंटिटी कार्ड यानी आधार कार्ड हासिल करने के लिए सभी आवेदन खारिज कर दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने फैसला किया है कि आधार एप्लिकेशन के साथ NRC एप्लिकेशन रिसिप्ट नंबर भी देना होगा.
ये भी पढ़ें: आखिर क्या है ये NRC, जिसके जरिए भारत से भगा दिए जाएंगे बांग्लादेशी?
क्या है आवेदन की पूरी प्रक्रियाCM ने आवेदन की प्रक्रिया को लेकर बताया-
"आधार कार्ड के लिए शुरुआती एप्लिकेशन के बाद, UIDAI राज्य सरकार को वेरिफिकेशन के लिए एप्लिकेशन भेजेगी. इसके बाद एक सर्किल ऑफिसर इस बात की पुष्टि करेंगे कि आवेदक या उसके परिवार के सदस्यों ने NRC के लिए अप्लाई किया है या नहीं.”
कैबिनेट द्वारा स्वीकार किए SOP (Standard Operating Procedure) के मुताबिक, राज्य सरकार जमा किए गए दस्तावेजों का सत्यापन करेगी और इसके 45 दिनों के भीतर उन्हें UIDAI को ऑनलाइन वापस कर देगी. इसके बाद ही आधार कार्ड बन सकेगा.
कैबिनेट मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार में जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट आधार आवेदकों के वेरिफिकेशन का काम देखेगी और हर जिले में एडिश्नल डिस्ट्रिक्ट कमिश्नर इस काम के लिए जिम्मेदार होंगे.
वीडियो: लल्लनटॉप चुनाव यात्रा: 'NRC जल्दी होना चाहिए', कोलकाता की महिलाओं ने अपने सब मुद्दे बताए