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17 भारतीयों वाले 'इजरायली' जहाज को जब्त कर लिया था, अब ईरान ने 5 लोगों को रिहा किया

बीते 18 अप्रैल को 17 में से एक को रिहा कर दिया गया था. जब ईरान से कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचे, तो सरकारी अफ़सरों ने वहां उनका स्वागत किया.

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इज़रायल-फ़िलिस्तीन के विवाद में फंसे भारतीय. (सांकेतिक तस्वीर - AFP)

13 अप्रैल को इज़राइल से जुड़े एक मालवाहक जहाज को ईरान ने ज़ब्त कर लिया था. इसमें 17 भारतीय नागरिक भी सवार थे. ईरान में भारतीय दूतावास ने पुष्टि की है कि उनमें से पांच को गुरुवार, 9 मई को रिहा कर दिया गया है. कूटनीति के लिहाज़ से इसे भारत सरकार की उपलब्धि के तौर पर गिना जा रहा है.

रिहाई की जानकारी देते हुए दूतावास ने अपने अफ़सरों के साथ ईरानी अधिकारियों के समन्वय के लिए उन्हें धन्यवाद दिया. एक X पोस्ट में ईरान में भारतीय दूतावास ने लिखा,

MSC एरीज़ पर सवार पांच भारतीय नाविकों को आज शाम रिहा कर दिया गया और वे ईरान से चले गए. हम बंदर अब्बास में दूतावास और भारतीय वाणिज्य दूतावास के साथ समन्वय के लिए ईरानी अधिकारियों की सराहना करते हैं.

जिस कंटेनर जहाज (MSC एरीज़) को ज़ब्त किया गया था, उसे आख़िरी बार 12 अप्रैल को दुबई के तट से दूर स्ट्रेट ऑफ़ होर्मुज़ की ओर जाते हुए देखा गया था. इसी के बाद ईरान के इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स नेवी ने उसे ज़ब्त कर लिया. कुल 17 भारतीय नाविक इस कंटेनर जहाज में सवार थे.

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बीते 18 अप्रैल को उनमें से एक को रिहा कर दिया गया था. केरल के त्रिशूर की रहने वाली एन टेसा जोसेफ़. जब ईरान से कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचीं, तो सरकारी अफ़सरों ने वहां उनका स्वागत किया. 

विदेश मंत्रालय ने उनके सुरक्षित घर लौटने की पुष्टि की और ये भी आश्वासन दिया कि बाक़ी बचे हुए लोग भी जल्द वापस आ जाएंगे. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारतीय नाविकों को रिहा कराने के बारे में अपने ईरानी समकक्ष होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन से बात की. जवाब में उन्होंने दावा किया कि जहाज को समुद्री नियम तोड़ने के लिए ज़ब्त किया गया था. 

ईरान ने एस्टोनिया से एक और जहाज ज़ब्त किया था, लेकिन मानवीय आधार पर उन्हें रिहा कर दिया.

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