आत्महत्या करने से पहले किसान ने जो वीडियो डाला, उसमें आत्महत्या की वजह सीधे तौर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट को बताया.
मैं आज अपनी जीवन लीला समाप्त करने जा रहा हूं, इसमें किसी का कोई दोष नहीं है. इस मौत का ज़िम्मेवार गहलोत, सचिन पायलट हैं. इन्होंने जो वादे किए थे कि 10 दिन के आपका कर्जा माफ कर देंगे हमारी सरकार आई तो. अब इनके वादे का क्या हुआ. सभी भाईयों से विनती मेरी लाश जब तक मत जलाना जब तक सभी भाईयों का कर्जा माफ न हो जाए. आज सरकार झुकाने का वक्त आ गया है. अब इनका मतलब निकल गया है.
सभी भाईयों से विनती है मैं सब किसान भाईयों के लिए मरने जा रहूं. सब का भलो होना चाहिए. किसान की एकता को आज दिखाना है, मेरी मौत का मुकदमा अशोक गहलोत पर कर देना. ये आपसे विनी, मेरे गांव ठाकरी के वासियों से विनती करता हूं, गांव में एकता बनाए रखना मेरा घर मेरा परिवार आप लोगों के भरोसे छोड़कर जा रहा हूं. मेरे परिवार का ख्याल रखाना. एक बात और अबकी बार सरपंची गांव में रखना ये विनती है मेरी आपसे. सोहनलाल लड़ेला.

किसान सोहनलाल कड़ेला का सुसाइड नोट जिसमें उन्होंने अशोक गहलोत और सचिन पायलट का नाम लिखा.
सुसाइड नोट में अशोक गहलोत और सचिन पायलट का नाम होने के बाद भी पुलिस ने किसी के खिलाफ कोई एफआईआर नहीं दर्ज किया. पुलिस इस मामले में जांच की बात कर रही है. SDM ने भी किसी तरह का मामला दर्ज करने से पहले जांच की बात की.
मामले की जांच की जा रही है. घटना अफसोसजनक है. अब तक मुझे जो भी जानकारी मिली है, वह व्यक्ति वास्तव में कर्ज में नहीं था. राजस्थान सरकार राज्य में किसानों के लिए बेहतर भविष्य हासिल करने में मदद के लिए प्रतिबद्ध है.
सचिन जी को बयान देने से पहले सोच लेना चाहिए, किसान का अगर कर्जा नहीं होगा तो वो क्या आत्महत्या करेगा. मानसिक रूप से कोई परेशान होता है, वो सिर्फ आर्थिक तंगी की वजह से होता है. उसने अपने जमीन पर लोन ले रखा था. लोन की वजह से परेशान करते थे. इसीलिए उसने आत्म हत्या कर ली. इस मामले पर किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए.
दूसरी तरफ ये जानकारी मिली की किसान के पास 6 बीघा की ज़मीन थी. जिसपर उन्होंने ढाई लाख रुपये का लोन ले रखा था. किसान के वीडियो के मुताबिक उसे काफी परेशान किया जा रहा था. लेकिन बैंक के अधिकारियों के मुताबिक वे रेगुलर पैसे बैंक को दे रहा था और किसी भी तरह को कोई नोटिस नहीं दिया गया था. यहां तक कि बैंक की तरफ से परेशान करने वाली बात भी गलत है.

बैंक के अधिकारी के मुताबिक किसान को किसी भी तरह से परेशान नहीं किया गया.
सोहनलाल की आत्महत्या के बाद गांव के लोग लगातार सचिन पायलट पर मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे हैं. वहां किसान यूनियन भी सोहनलाल के साथ दूसरे किसानों की भी जल्द से जल्द कर्ज माफी की मांग कर रहा है. जबकि सरकार के मुताबिक 19 लाख से ज्यादा किसानों के कर्ज माफ किए जा चुके हैं. सरकार की तरफ से ये जानकारी भी दी गई कि नई गहलोत सरकार की गठन के बाद जिन किसानों ने कॉर्पोरेटिव बैंक से लोन लिया था उनका कर्जा तुरंत माफ हो गया. जबकि जिन्होंने प्राइवेट बैंक से लोन लिया उसे माफ करने की प्रकिया चल रही है.

सरकारी वेबसाइट के मुताबिक गहलोत सरकार 19 लाख से ज्यादा किसानों के लोन माफ कर चुकी है.
सोहनलाल की आत्महत्या पर राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने भी ट्वीट किया. उन्होंने कांग्रेस पर वादों पर खरा नहीं उतरने का आरोप लगाया. साथ ही ये भी कहा कि कांग्रेस सरकार प्रदेश के किसानों की बदहाली के लिए सीधे-सीधे तौर पर ज़िम्मेदार है.

सांसद की तरफ से लोकसभा अध्यक्ष को चिट्ठी लिखी गई है, इस बात की जानकारी प्रेस नोट के द्वारा दी गई.
सोहनलाल के परिवार में पत्नी के अलावा के एक बेटी और छोटा बेटा है. बेटी बीएड की पढ़ाई कर रही है, जबकि बेटा 10वीं क्लास में है. दोनों ने मीडिया से बात करते हुए कहा- सरकार को ऐसे वादे कभी नहीं करना चाहिए जिसपर वो खरा न उतर सके.
वीडियो- लगातार तीसरे साल मानसून के कमज़ोर रहने से भारत में महंगाई बढ़ेगी?