मेरी बच्ची साढ़े तीन साल की है. नर्सरी में पढ़ती है. मैं बच्ची को स्कूल से लेकर आया. उसकी मां जब बच्ची के कपड़े चेंज करने लगी, तो देखा कि उसकी पैंटी में ब्लड लगा है. उसके दादा ने कहा, गायनेकॉलजिस्ट को दिखाओ. हम फटाफट डॉक्टर के पास गए. उसने कहा, बच्ची के साथ कुछ हुआ है.ये नई दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके का वाकया है. माता-पिता का आरोप है कि 4 सितंबर, 2018 को स्कूल के टॉइलेट में बच्ची के साथ यौन अपराध हुआ. वो दिल्ली पुलिस पर भी इल्जाम लगा रहे हैं. उनका कहना है कि पुलिस सही कार्रवाई करनी की जगह उन्हें ही डरा-धमका रही है. घर के लोगों को ही फंसाने की कोशिश कर रही है. इंसाफ की गुहार लगाते हुए 9 सितंबर को पति-पत्नी ने मिलकर एक विडियो रिकॉर्ड किया. इसी दिन ये विडियो फेसबुक पर पोस्ट किया गया. दो दिन के भीतर लाखों लोग इस विडियो को देख चुके हैं. एक लाख से ज्यादा लोग इसे शेयर कर चुके हैं. माता-पिता ये केस क्राइम ब्रांच को दिए जाने की मांग कर रहे थे. उनकी मांग के मद्देनजर ये केस अब क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है.
स्कूल में एक बच्ची के यौन शोषण के बाद जो परेशानी मां-बाप झेलते हैं वो बेहद दर्दनाक है | The Lallantop
स्कूल में एक बच्ची के यौन शोषण के बाद जो परेशानी मां-बाप झेलते हैं वो बेहद दर्दनाक है
Posted by The Lallantop
on Tuesday, 11 September 2018
(मेडिकल) टेस्ट में क्लियर हो गया कि बच्ची के साथ गलत हरकत हुई है. हमारे पास रिपोर्ट है. (मेडिकल जांच करवाने के बाद) फिर हमने 100 नंबर पर फोन किया. पुलिस आई, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई. SHO ने कहा कि आपकी पूरी मदद की जाएगी. उसी रात हमारा बयान ले लिया गया. अगले दिन पुलिस का फोन नहीं आया. हम इंतजार करते रहे. हमने बिटिया का एचआईवी टेस्ट करा लिया. फिर हम पुलिस थाने पहुंचे. वहां चार-पांच लेडीज ने मेरी बच्ची को काउंसलिंग के नाम पर खूब परेशान किया. बहुत टॉर्चर किया. बच्ची को मां से अलग ले गए. SHO साहब को फोन किया, तो वो बोले हम स्कूल में ही हैं. सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं.फिर बच्ची की मां कहती हैं-
(थाने में) चार लेडीज ने मुझे घेरा हुआ था. मुझे डरा रहे थे. धमका रहे थे. मेंटली टॉर्चर कर रहे थे. मेरी बेटी को अलग ले गए. मुझे पता भी नहीं चला कि मेरी बेटी को कब ले गए. मैं आपसे प्लीज हाथ जोड़कर प्रार्थना करती हूं. जिस तरीके से मेरी बच्ची 4 तारीख को स्कूल से घर आई है. स्कूल से आते ही मैं उसकी ड्रेस चेंज करने लग रही हूं. मैंने देखा उसको इंटरनल ब्लीडिंग हो रही थी. मुझे नहीं लगता कि इस चीज पर कोई कार्रवाई की जा रही है. कोई कुछ नहीं कर रहा है. बल्कि हमें डराया-धमकाया जा रहा है. प्लीज, मैं आपके आगे हाथ जोड़कर प्रार्थना करती हूं. प्लीज हमारी मदद कीजिए.

बच्ची की फोटो भी फेसबुक पर शेयर की गई है. मगर उसकी पहचान छुपाने के लिए हमने उसका चेहरा ब्लर कर दिया है.
वो बोल ही रही होती हैं कि बीच में उनके पति टोकते हैं. कहते हैं- और वो बताओ कि पुलिस स्टेशन में धमका रही थीं मैडम. कि अगर ऐसा कुछ हुआ, तो तुम्हारे ऊपर ही केस हो सकता है उल्टा.
फिर वो खुद ही कैमरे की तरफ देखकर बोलते हैं-
हमें ऐसे धमकाया जा रहा था कि हम क्यों नहीं ले जा सकते बच्ची को. हमारा राइट है. अरे, आप कैसे ले जा सकते हो बच्ची को. साढ़े तीन साल की बच्ची है. उसको ले जाकर पढ़ा रहे हो. यहां दादू ने तो नहीं कुछ किया. पापा ने तो कुछ नहीं किया. ऐसे उससे बात कर रहे. उसके दिमाग में चीजें बिठा रहे. परेशान कर रहे हैं. इसको (बीवी की तरफ इशारा करते हुए) भी इतना परेशान किया. कह रहे थे बयान लिखो, बयान लिखो. मैंने कहा हमें दो मिनट सांस लेने दो. थोड़ा टाइम दो. हम बयान देंगे. ऐसे मत करो. बच्चा हमारा आठ महीने का है. उसे दूध पिलाना है. सब कुछ है. हमने कहा, घर आकर बयान ले लेना. तो कहने लगे हमने भी तो खाना नहीं खाया. इस तरह से पुलिसवालों ने हमें बहुत टॉर्चर किया. (बीवी की तरफ इशारा करते हुए) जबरन बयान ले लिया इसका. घरवाले कन्फ्यूज हो गए. बयान लिखवा लिया पुलिस ने इनका. पुलिस ने अब तक FIR दर्ज नहीं की है. इन्होंने स्कूल को क्लीन चिट दे दी. कहा कि स्कूल की तरफ से कुछ नहीं हुआ. जो हुआ है, घर पर हुआ है. हमें डराया-धमकाया. हम कह रहे हैं कि अगर हमने कुछ गलत किया है तो हमें फांसी पर लटका दो.बच्ची के पिता आगे इल्जाम लगाते हैं-
इस स्कूल में पहले भी दो वारदातें हो चुकी हैं. एक बार इसको (शायद बच्ची) चाकू मारा गया था. स्कूल प्रशासन ने कहा कि आगे से ऐसा नहीं होगा. फिर 2 अगस्त को इसकी पैंटी नहीं थी. जब ये स्कूल से आई. हम दोनों लेकर आए बच्ची को. इसकी मां ने स्कूल में फोन किया कि बच्ची की पैंटी नहीं है. उन्होंने कहा कि हो सकता है टॉइलेट में रह गया हो. (मौजूदा घटना के बारे में बोलते हुए) हमारे पास डॉक्टर के साइन हैं. सारी रिपोर्ट्स हैं हमारे पास.

बच्ची के माता-पिता दिल्ली पुलिस पर सही तरह से जांच न करने का आरोप लगा रहे थे. उनकी मांग थी कि ये केस क्राइम ब्रांच को दिया जाए. उनकी मांग मान ली गई है. केस क्राइम ब्रांच के सुपुर्द कर दिया गया है.
विडियो के आखिर में बच्ची के पिता कहते हैं कि पहले भी बच्ची जब स्कूल से लौटकर आती, तो पेट में दर्द की शिकायत करती. जब मां नहलाने जाती, तो कहती कि पेशाब करने में दर्द हो रहा है. उनका कहना है कि मौजूदा घटना के बाद उन्हें महसूस हो रहा है कि पहले भी कुछ गलत हो रहा था. पिता का कहना है कि बच्ची ने स्कूल के टॉइलेट में कुछ होने की बात कही है. क्या, ये वो साफ नहीं बता सके हैं.
पुलिस का क्या कहना है? पुलिस के मुताबिक, स्कूल के खिलाफ उन्हें अभी तक कुछ नहीं मिला है. उनका कहना है कि स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरे से किसी भी अपराध की बात मालूम नहीं चली. फुटेज में बच्ची नॉर्मल दिख रही है. छुट्टी होने पर वो अच्छी-खासी अपने पिता के साथ घर गई. पुलिस के मुताबिक, इसमें परिवार के ही किसी सदस्य का हाथ हो सकता है. उनका कहना है कि बच्ची की फैमिली का एक शख्स थोड़ा अजीब बर्ताव कर रहा है. वो पुलिस पर आरोप लगाकर जांच को भटकाने की कोशिश कर रहा है. बकौल पुलिस, ठोक-बजाकर जांच करने के बाद ही किसी की गिरफ्तारी की जाएगी.
स्कूल का पक्ष स्कूल का कहना है कि वो जांच में पूरा सपोर्ट कर रहे हैं. पुलिस आई, तो भी उन्होंने पूरा सहयोग किया. सीसीटीव फुटेज पुलिस को दिया. उनका भी यही कहना है कि फुटेज में बच्ची को देखकर नहीं लगता कि उसके साथ स्कूल में कुछ गलत हुआ है.
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