भारत में बच्चा पैदा भी नहीं होता है लेकिन उससे पहले सबको ‘’पता'' होता है वो क्या बनेगा. डॉक्टर का बच्चा डॉक्टर, एक्टर का बच्चा एक्टर और प्रोफेसर का बच्चा प्रोफेसर. अब हर मामले में नेपोटिज़म की शिकायत तो नहीं की जा सकती. लेकिन एक ही परिवार के 22 लोगों का एक ही पेशा हो, और वो सभी एक ही जगह काम कर रहे हों, तब पैदा होता है शुबहा. और फिर शिकायत. ये चमत्कार हुआ है प्रयागराज की शुआट्स (SHUATS)यूनिवर्सिटी में. यहां कुलपति (वाइस चांसलर) से लेकर असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर एक ही परिवार के 22 लोग हैं.
एक यूनिवर्सिटी में कुलपति से लेकर प्रोफेसर तक एक ही परिवार के 22 लोग कैसे नौकरी पा गए?
वाइस चांसलर, उनके भाई, पत्नी, बेटा, भतीजा समेत परिवार के कुल 22 लोगों के पास यूनिवर्सिटी में पद हैं.
आजतक से जुडे़ पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता दिवाकर नाथ त्रिपाठी ने शुआट्स यूनिवर्सिटी के खिलाफ STF (स्पेशल टास्क फोर्स) में शिकायत दर्ज़ करवाई थी. शिकायत में आरोप था कि 1 जनवरी, 1984 से लेकर 1 जनवरी, 2017 के बीच की गई शिक्षकों की भर्तियों में गड़बड़ी हो रही है. शिकायत के बाद जांच हुई. जांच में आरोप सही निकले. फिर 2 फरवरी 2023 को STF सीओ नवेंदु कुमार ने नैनी थाने में FIR दर्ज़ करवाई शुआट्स यूनिवर्सिटी के 10 लोगों के खिलाफ़. इसमें चांसलर, वाइस चांसलर समेत 8 लोगों के नाम शामिल हैं. FIR में आरोप था कि शुआट्स यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्तियों में गड़बड़ी हुई है. और यूनिवर्सिटी की अनुदान राशि का दुरुपयोग किया गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक FIR के बाद पुलिस ने 69 शिक्षकों की भर्ती की जांच की. इस जांच में एक चार्जशीट भी फाइल हुई. इसमें बताया गया है कि शुआट्स के चांसलर, उनके भाई, पत्नी, बेटा, भतीजा समेत परिवार के कुल 22 लोगों के पास यूनिवर्सिटी में पद हैं. और ये सब करते हुए नियमों की अनदेखी की गई. मिली जानकारी के मुताबिक इस केस में एक आरोपी की मृत्यु हो चुकी है और पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिनके नाम हैं अशोक सिंह औऱ सरबजीत हरबत. केस में फरार 7 आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए नैनी पुलिस ने एक टीम का गठन भी किया है.
यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से जैसे ही इस संबंध में बयान आएगा, इस खबर को अपडेट किया जाएगा.
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