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इस गांव में 21 साल की लड़की सरपंच चुनाव जीती, वोट प्रतिशत हैरान कर देगा

पंजाब पंचायत इलेक्शन में 21 साल की नवनीत कौर अपने गांव की सरपंच चुनी गई हैं. वो स्नातक की छात्रा हैं. उन्हें उनके पिता और गांव वालों ने चुनाव लड़ने के लिए राजी किया और नवनीत ने रिकॉर्ड वोटों के साथ जीत हासिल की.

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21 साल की उम्र में सरपंच बनीं नवनीत (फोटो-आजतक)

पंजाब में पंचायत चुनाव मंगलवार, 15 अक्टूबर को संपन्न हो गए. पंच सरपंच चुने गए लोगों के नामों का भी एलान कर दिया गया है. इन नामों में सबसे चौंकाने वाला नाम संगरूर जिले के हरकृष्णपुरा गांव की नई सरपंच का है. यहां से नवनीत कौर को नया सरपंच चुना गया है जिनकी उम्र महज 21 साल है.

आजतक से जुड़े कुलवीर सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक, नवनीत बारहवीं कक्षा के बाद पढ़ाई के लिए विदेश जाना चाहती थीं. लेकिन गांव के लोगों की अपील के कारण वह सरपंची का चुनाव लड़ने के लिए मैदान में आ गईं. उनको लोगों ने दिल खोल कर वोट दिया जिसकी बदौलत नवनीत सरपंच बन गई हैं. उन्होंने गांव के टोटल 415 वोटों में से 354 वोट हासिल किए हैं, जो कुल मतों के 85 पर्सेंट है. उनके प्रतिद्वंदी को चुनाव में 55 वोट मिले.

नवनीत इस समय B.A.की छात्रा हैं. वह घर के काम के साथ-साथ गाड़ी, ट्रैक्टर और खेतों का काम भी करती हैं. नवनीत की मां का कुछ समय पहले देहांत हो गया था. ऐसे में उन्होंने पढ़ाई जारी रखने के साथ अपने घर को भी संभाला. नवनीत ने आजतक से बातचीत में बताया,

“मैं गांव में लाइब्रेरी और शिक्षा के प्रसार के लिए काम करूंगी. मेरा गांव विकास कार्यों में बहुत पिछड़ा है. अगले पांच साल में मैं अपने गांव का नाम रौशन करूंगी. गांव के लोगों ने मुझ पर भरोसा जताया है. उनके भरोसे पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगी.”

स्नातक की पढ़ाई कर रही नवनीत कौर ने अपने गांव के निवर्तमान सरपंच को भारी मतों से हराया है. पहली बार चुनाव लड़ीं नवनीत के लिए ये बड़ी उपलब्धि है. सरपंच नवनीत के पिता गुरतेज सिंह ने आजतक से बातचीत में बताया कि पहले उनकी पत्नी को सरपंची का चुनाव लड़ना था. लेकिन कुछ समय पहले वो गुज़र गईं. ऐसे में गांव वालों के साथ विचार-विमर्श करके उन्होंने अपनी बेटी नवनीत को सरपंची का चुनाव लड़ने के लिए तैयार किया. नवनीत के पिता ने बताया कि उनकी बेटी सरपंच बन कर गांव के सभी रुके हुए काम करवाएगी.

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