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गुजरात: दलित भाइयों की हत्या से बवाल, 20 लोगों पर नुकीले हथियारों से हमला करने का आरोप

हमले में दलित परिवार की महिलाओं के भी घायल होने की जानकारी सामने आई है.

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दलितों की हत्या पर जिग्नेश मेवाणी का बड़ा बयान. (तस्वीर- ट्विटर) दाईं तस्वीर सांकेतिक है.

गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले में दो दलित भाइयों की कथित तौर पर हत्या कर दी गई है. बताया जा रहा है कि जमीन को लेकर हुए झगड़े में कथित तौर पर एक समुदाय के कुछ लोगों ने इन भाइयों पर हमला कर दिया. इंडिया टुडे से जुड़े बृजेश दोशी की रिपोर्ट के मुताबिक मृतकों का नाम अलजीभाई परमार और मनुभाई परमार है. बताया गया कि दोनों पर नुकीले हथियारों से हमला किया गया था. उन्हें तुरंत सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.

मामला सुरेंद्रनगर की चूड़ा तालुका स्थित समधियाला गांव का बताया गया है. बुधवार, 12 जुलाई की शाम को पीड़ितों से मारपीट की गई. इस घटना के बाद गुजरात में कांग्रेस के विधायक जिग्नेश मेवाणी ने राज्य सरकार पर हमला बोला.

उन्होंने ट्वीट कर लिखा,

'हर गुजरते दिन के साथ गुजरात में दलितों की हालत बद से बदतर होती जा रही है. गुजरात तेजी से देश में दलितों पर अत्याचार की राजधानी बनता जा रहा है. सुरेंद्रनगर जिले की एक घटना में महिलाओं समेत 6 दलितों को तथाकथित ऊंची जाति के पुरुषों ने बुरी तरह पीटा. उन पर घातक हथियारों से हमला किया गया जिससे दो की मौत हो गई. यह हत्या कथित भूमि विवाद को लेकर हुई. गुजरात सरकार राज्य में दलितों के खिलाफ हो रहे इन अंतहीन अत्याचारों को रोकने के लिए क्या कर रही है? क्या दलितों को अपनी ज़मीन पर झुकने का भी अधिकार नहीं है? ये क्रूरताएं कब ख़त्म होंगी?'

गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष और राज्य सभा सांस शक्तिसिंह गोहिल ने भी इस मामले पर राज्य सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. 

उधर पुलिस महानिरीक्षक अशोक कुमार यादव ने बताया कि दो समुदायों के सदस्यों के बीच चल रहे जमीन विवाद के चलते पीड़ितों पर हमला किया गया. दलित और काठी दरबार दोनों समधियाला गांव में एक जमीन के टुकड़े पर दावा कर रहे थे. अशोक यादव ने भी घटना में महिलाओं के घायल होने की जानकारी दी. उनमें से एक पारुलबेन परमार की शिकायत के पर चूड़ा पुलिस ने गुरुवार, 13 जुलाई की सुबह काठी दरबार समुदाय के 15 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.

पारुलबेन ने पुलिस को बताया कि वो अपने पैत्रिक गांव आई थीं और यहां खेती-बारी करना चाहती थीं. इसी सिलसिले में जमीन देखने अलजीभाई और मनुभाई गए थे. वहां से लौटते वक्त 15 से 20 लोगों ने इन दोनों पर हमला कर दिया.

नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस जमीन को लेकर 1998 से विवाद चल रहा है. इसमें निचली अदालत ने दलित परिवार के पक्ष में फैसला सुनाया था. रिपोर्ट के मुताबिक इस घटना के बाद आरोपियों पर हत्या की धारा समेत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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