केरल के मलप्पुरम जिले में 14 वर्षीय साल के लड़के की निपाह वायरस (Nipah Virus) से मौत हो गई है. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने किशोर की मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि पीड़ित का कोझिकोड में इलाज किया जा रहा था. जहां रविवार को दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई.
केरल में 14 साल के लड़के की निपाह वायरस से मौत
केरल स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, निपाह वायरस पॉजिटिव पाए गए चार अन्य लोगों को "उच्च जोखिम श्रेणी" में रखा गया है.
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार 20 जुलाई को पुष्टि करते हुए बताया था कि मलप्पुरम जिले के एक लड़का निपाह वायरस पॉजिटिव पाया गया है. जिसके बाद बच्चे को कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. रविवार 21 जुलाई की सुबह 10.50 बजे बच्चे को दिल का दौरा पड़ा. उसके कुछ समय बाद ही बच्चे की मौत हो गई. बच्चे के इलाज के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की खुराक दी जानी थी. लेकिन जबतक दवा पुणे से कोझिकोड पहुंच पाती, बच्चे ने दम तोड़ दिया.
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राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज का इस मामले पर बयान सामने आया है. उन्होंने कहा,
"पीड़ित बच्चा वेंटिलेटर सपोर्ट पर था. रविवार सुबह उसका यूरिन आउटपुट कम हो गया था. दिल का दौरा पड़ने के बाद, उसे बचाने के प्रयास विफल हो गए और सुबह 11.30 बजे उसकी मौत हो गई."
स्वास्थ्य मंत्री मंत्री ने जानकारी दी कि,
“किशोर का अंतिम संस्कार चिकित्सीय प्रोटोकॉल के अनुसार किया जाएगा. बच्चे के पिता और चाचा भी कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं. वर्तमान में 3 लोगों कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में आइसोलेशन में रखा गया है.”
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, निपाह वायरस पॉजिटिव पाए गए चार अन्य लोगों को "उच्च जोखिम श्रेणी" में रखा गया है और उनका इलाज मंजेरी मेडिकल कॉलेज में किया जा रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में मलप्पुरम जिले का पांडिक्कड़ क्षेत्र, निपाह वायरस का केंद्र है. जिसके चलते एक एडवाइजरी जारी करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने वायरस से सर्वाधिक प्रभावित इलाके और आसपास के लोगों से सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने और अस्पतालों में मरीजों से मिलने से बचने के लिए कहा है. लोगों को उन फलों को न खाने की भी सलाह दी गई जो आधे खाए हुए हों या जिन्हें पक्षियों या जानवरों ने काटा हो.
स्वास्थ्य मंत्री की एडवाइजरी में कहा गया है,
"फलों को अच्छी तरह से धोकर ही खाएं. ताड़ी जैसे पेय पदार्थों का सेवन न करें जो खुले कंटेनर में रखे हों."
रिपोर्ट के मुताबिक, केरल सरकार ने हाल ही में घोषणा की थी कि निपाह वायरस की रोकथाम के लिए एक विशेष एक्शन कैलेंडर तैयार किया जा रहा है. बता दें, कोझीकोड जिले में 2018, 2021 और 2023 में और एर्नाकुलम जिले में 2019 में निपाह वायरस के मामले दर्ज किए गए थे.
निपाह वायरस के लक्षणनिपाह वायरस (NiV) जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारी है. इसे जूनोटिक डिजीज कहा जाता है. ये चमगादड़ों और सुअर से इंसानों में फैल सकता है. यह वायरस बुखार, उल्टी, सांस की बीमारी और मस्तिष्क में सूजन का कारण बन सकता है. सामान्य वायरल बुखार के लक्षण उत्पन्न करने के अलावा, यह संक्रमण तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित करता है. इससे केंद्रीय तंत्रिका तंत्र भी प्रभावित हो जाता है. जिसके परिणामस्वरूप एन्सेफलाइटिस या मस्तिष्क की सूजन होती है. इससे 24 से 48 घंटे में मरीज कोमा में जा सकता है.
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