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मिज़ोरम में भारी बारिश के बीच पत्थर की खदान ढह गई, कम से कम 14 लोगों की मौत

घटना सुबह करीब 6 बजे आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेलथुम और हिलीमेन के बीच के इलाके में हुई है. न्यूज़ एजेंसी PTI के मुताबिक़ कई मृतकों के शव बरामद कर लिए गए हैं. लेकिन कई लोग अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं. ऐसे में मौतों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है.

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यह घटना सुबह करीब 6 बजे आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेलथुम और हिलीमेन के बीच के इलाके में हुई है. (फ़ोटो/PTI)

मिजोरम में लगातार हो रही बारिश के चलते बड़ा हादसा हो गया है. यहां एक पत्थर की खदान ढहने से 14 से 18 लोगों की मौत होने की खबर आ रही है. पश्चिम बंगाल में 26 मई को आए चक्रवाती तूफ़ान रेमल (Cyclone Remal) की वजह से कई राज्य प्रभावित हुए हैं. इनमें मिज़ोरम भी शामिल है जहां भारी बारिश हो रही है. पुलिस ने बताया कि 28 मई की सुबह भारी बारिश के की वजह से आइज़ोल जिले में एक पत्थर की खदान ढह गई है. उनके मुताबिक हादसे में दर्जन भर से ज्यादा जानें गई हैं. कई लोग लापता बताए गए हैं.

यह घटना सुबह करीब 6 बजे आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेलथुम और हिलीमेन के बीच के इलाके में हुई है. न्यूज़ एजेंसी PTI के मुताबिक़ कई मृतकों के शव बरामद कर लिए गए हैं. लेकिन कई लोग अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं. ऐसे में मौतों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है. एक पुलिस अधिकारी ने PTI को बताया कि लगातार बारिश के कारण बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है. अभी तक जो जानकारी मिली है, उसके हिसाब से मारे गए 14 मजदूरों में से तीन मिज़ोरम के रहने वाले नहीं हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़ चक्रवात रेमल के आने के बाद मंगलवार को मिज़ोरम, असम, नागालैंड और मेघालय में भूस्खलन से कम से कम 21 लोगों की मौत हो गई. मिज़ोरम के मुख्यमंत्री लालदुहावमा ने अखबार को बताया कि 28 मई की सुबह 11.15 बजे तक 15 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. इनमें से 11 शव आइज़ोल जिले के मेलथुम और हिलीमेन के बीच एक पत्थर की खदान में भूस्खलन वाली जगह से बरामद किए गए हैं. लालदुहावमा ने कहा,

"हमने राहत कार्य के लिए 15 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है और आज ही हम मृतकों के परिजनों को सहायता राशि देंगे. तूफ़ान अब थम रहा है लेकिन राज्य के कई हिस्सों में सिग्नल बहुत खराब है, जिसकी वजह से सूचना जुटाना और बचाव कार्य देना मुश्किल हो गया है."

रिपोर्ट के मुताबिक़ राज्य में ख़राब मौसम देखते हुए राज्य सरकार ने सभी स्कूलों, बैंकों, वित्तीय संस्थानों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और सरकारी कार्यालयों को बंद करने का आदेश दिया गया है. सभी आवश्यक सेवाएं चालू रहेंगी. सरकार ने सभी प्राइवेट सेक्टर ऑफ़िस को घर से काम करने के लिए कहा है.  

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रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि मिज़ोरम के अलावा असम और मेघालय समेत पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में भी 28 मई को तूफ़ान आया. तूफ़ान में सड़क का एक हिस्सा बह जाने से असम के हाफलोंग और सिलचर के बीच सड़क संपर्क पूरी तरह से बंद हो गई है. 

ख़राब मौसम को देखते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सभी से अनुरोध किया कि वे पूर्वोत्तर राज्य में जब तक रेमल तूफ़ान का प्रभाव कम नहीं होता है, तब तक घर में रहें. उन्होंने लिखा,

“चक्रवाती तूफान रेमल ने असम को प्रभावित किया है, जिससे कई इलाकों में तूफान आया है. दुखद बात यह है कि एक छात्र कौशिक बोरदोलोई एम्फी की मारीगांव में मौत हो गई और देखियाजुली में पेड़ गिरने से 12 छात्र घायल हो गए हैं. गुवाहाटी में कॉटन यूनिवर्सिटी और ज्योति चित्रबन जैसी जगहों पर पेड़ उखड़ने से लोगों और इमारतों को कोई नुकसान नहीं हुआ.”

उन्होंने यह भी बताया कि गुवाहाटी सहित निचले असम में बिजली की दिक्कत हो रही है. 

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