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कांग्रेसियों ने भैंस के आगे बीन बजाई, तो हमें ये 12 मुहावरे और याद आ गए

मज़े की बात ये है कि कांग्रेसियों को भैंस ने दौड़ा दिया!

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देवास, मध्य प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने डेली अप डाउनर्स संघ के साथ मिलकर देवास और इंदौर के बीच सिटी-बस चलवाने की मांग को लेकर आंदोलन किया. और आंदोलन ट्रेंडिंग हो इसके चलते उन्होंने ‘लीक से हटकर चलने’ की ठानी. स्वतंत्र पत्रकार एस. खान के अनुसार उन्होंने अपने आस-पास भैंसे इकट्ठा की और उनके आगे बीन बजाया. और इस क्रिएटिविटी की इंस्पिरेशन उन्हें मिली एक मुहावरे से जिसके अनुसार भैंस के आगे बीन बजाने से कुछ नहीं होता. लेकिन चूंकि इस मुहावरे के आगे कोई वैधानिक चेतावनी नहीं दी गई थी कि यह मुहावरा विशेषज्ञों की देख रेख में लिखा गया है, इसे घर में ट्राई न करें तो इनको ‘सनक सवार हो गई’ कि हम सच में ऐसा करेंगे. यूं इन कार्यकर्ताओं ने ‘आव देखा न ताव’ और ‘सर पर कफ़न बांधकर’ सच में भैंस के आगे बीन बजाने लगे. Idioms - 1रंग में भंग तब पड़ा’ जब ‘दांव उल्टा पड़ गया’ और इन्हें ‘मुंह की खानी पड़ी’. क्यूंकि भैंसे इन आन्दोलनकारियों की ‘जान की प्यासी’ हो गईं और इनको दौड़ा दिया. आंदोलनकारी ‘हक्के बक्के रह गए’ और उनके ‘हाथ के तोते उड़ गए’. भैसों ने इन्हें ‘दिन में ही तारे दिखा दिए’. अगर पूरी कहानी आपके 'सर के ऊपर से' निकल गई है तो ‘हाथ कंगन को आरसी क्या’ आप खुद ये वीडियो देख लीजिए – यूं अब ये भोले-भाले कार्यकर्ता उस बंदे को ‘पानी पी पी के कोस’ रहे हैं जिसने इस मुहावरे को लिखा. अगर वो मिल गया तो ये लोग उसकी ‘हड्डी पसली एक’ करने में कोई ‘कोर कसर नहीं छोड़ने वाले’ हैं. खैर ‘गड़े मुर्दे उखाड़ने’ के बदले हम आपको आज 15 ऐसे और मुहावरे बताते हैं जिन्हें आप भी घर में ट्राई न करें. हां बाहर और देहरी पर भी नहीं. क्यूंकि – # 1) आंख का काजल चुराने पर – ईव टीज़िंग के केस में ‘जेल की हवा’ खानी पड़ सकती है.
# 2) एक और एक ग्यारह करने पर – मास्सा’ब की बेतों का सामना करना पड़ सकता है.
# 3) ओखल में सर देने पर – मूसल आपको मसल कर रख देगा.
# 4) जले पर नमक छिड़कने पर a) औरों के छिड़का तो ये ध्यानपूर्वक देख लेना कि लड़ाई में वो आपसे ‘उन्नीस ठहरता हो’ b) और अगर अपने पे छिड़का तो... (...मेरी मानिए मत छिड़किए.)
# 5) जलती आग में कूदने पर – वो क्या गीत था, 'शोलों से लिपट के पतंगे झूमते हैं, जल जाएं चाहे वो शम्मा को चूमते हैं'. तो अगर आपने आशिकी की वो हद क्रॉस नहीं की है तो इस ‘बेवकूफी’ के आप कतई हकदार नहीं हैं. क्यूंकि बेवकूफी खरीदी नहीं जा सकती, उसे अर्जित करना होता है.
# 6) तलवे चाटने पर – आपको ‘फ़ूड पॉईज़निंग’ और दूसरे बंदे को ‘फूट पॉईज़निंग’ का खतरा है.
# 7) चांदी का जूता मारने पर – बंदे को चोट चाहे कम लगे लेकिन चांदी का जूता लेकर वो भाग गया तो आपको ‘लेने के देने’ पड़ जाएंगे.
# 8) कलेजा चीरकर दिखाने पर – अगर व्यक्ति हनुमान जी नहीं है या अगर उसकी ओपन हार्ट सर्जरी नहीं हो रही है तो ऐसा करने से उसे राम दिखें न दिखें पर ‘राम नाम सत है’ ज़रूर हो सकता है.
# 9) ज़हर का घूंट पीने पर – अगर व्यक्ति शिव जी नहीं है तो ऐसा करने पर वो वर्तमान काल से भूतकाल में बदल सकता है.
# 10) टांग अड़ाने पर - रेफर टू पॉइंट फोर पॉइंट ए.
# 11) दिन दूने रात चौगुने बढ़ने पर – आप दसवें दिन अपने 1,073,741,824 गुना हो चुकेंगे. गुणा भाग कर के देख लें. एंड फाइनली,
# 12) भैंस के आगे बीन बजाने पर – ये ज़रा आप हमारी पोस्ट के ‘हीरो’ उन आंदोलनकारियों से पूछें. हम क्या बताएं. क्यूंकि ‘जाके पैर न पड़ी बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई’.
तो दोस्तों जैसे आप व्हाट्सऐप मैसेजेस पर ‘कान नहीं धरते’ वैसे ही इन मुहावरों को भी ‘एक कान से सुनिए, दूसरे से निकाल दीजिए’. ‘कान के कच्चे बनने’ से क्या ही फायदा?
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