
# 2) एक और एक ग्यारह करने पर – मास्सा’ब की बेतों का सामना करना पड़ सकता है.
# 3) ओखल में सर देने पर – मूसल आपको मसल कर रख देगा.
# 4) जले पर नमक छिड़कने पर – a) औरों के छिड़का तो ये ध्यानपूर्वक देख लेना कि लड़ाई में वो आपसे ‘उन्नीस ठहरता हो’ b) और अगर अपने पे छिड़का तो... (...मेरी मानिए मत छिड़किए.)
# 5) जलती आग में कूदने पर – वो क्या गीत था, 'शोलों से लिपट के पतंगे झूमते हैं, जल जाएं चाहे वो शम्मा को चूमते हैं'. तो अगर आपने आशिकी की वो हद क्रॉस नहीं की है तो इस ‘बेवकूफी’ के आप कतई हकदार नहीं हैं. क्यूंकि बेवकूफी खरीदी नहीं जा सकती, उसे अर्जित करना होता है.
# 6) तलवे चाटने पर – आपको ‘फ़ूड पॉईज़निंग’ और दूसरे बंदे को ‘फूट पॉईज़निंग’ का खतरा है.
# 7) चांदी का जूता मारने पर – बंदे को चोट चाहे कम लगे लेकिन चांदी का जूता लेकर वो भाग गया तो आपको ‘लेने के देने’ पड़ जाएंगे.
# 8) कलेजा चीरकर दिखाने पर – अगर व्यक्ति हनुमान जी नहीं है या अगर उसकी ओपन हार्ट सर्जरी नहीं हो रही है तो ऐसा करने से उसे राम दिखें न दिखें पर ‘राम नाम सत है’ ज़रूर हो सकता है.
# 9) ज़हर का घूंट पीने पर – अगर व्यक्ति शिव जी नहीं है तो ऐसा करने पर वो वर्तमान काल से भूतकाल में बदल सकता है.
# 10) टांग अड़ाने पर - रेफर टू पॉइंट फोर पॉइंट ए.
# 11) दिन दूने रात चौगुने बढ़ने पर – आप दसवें दिन अपने 1,073,741,824 गुना हो चुकेंगे. गुणा भाग कर के देख लें. एंड फाइनली,
# 12) भैंस के आगे बीन बजाने पर – ये ज़रा आप हमारी पोस्ट के ‘हीरो’ उन आंदोलनकारियों से पूछें. हम क्या बताएं. क्यूंकि ‘जाके पैर न पड़ी बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई’.
तो दोस्तों जैसे आप व्हाट्सऐप मैसेजेस पर ‘कान नहीं धरते’ वैसे ही इन मुहावरों को भी ‘एक कान से सुनिए, दूसरे से निकाल दीजिए’. ‘कान के कच्चे बनने’ से क्या ही फायदा?
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