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आसान भाषा में: World Economic Forum की रिपोर्ट, 59% लोगों की नौकरी खतरे में

पिछले 10 सालों में, दुनिया में क्लाइमेट चेंज को लेकर सजगता बढ़ने लगी है. कई देशों की सरकारें और बड़े बड़े प्राइवेट प्लेयर्स ने ग्रीन एनर्जी में इन्वेस्टमेंट शुरू कर दिया है. कई कंपनियां सोलर और विंड एनर्जी के बड़े-बड़े प्लांट लगा रही हैं.

इंजीनियर से लेकर एंटरप्रेन्योर, कोडर से लेकर यूट्यूबर तक, सबको डर है कि कहीं बेरोजगार न हो जाएं. क्योंकि AI और ऑटोमेशन ने ऐसा हल्ला मचाया कि ChatGPT भी LinkedIn पर #OpenToWork लगाने की सोच रहा है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम का कहना है कि 59% लोगों की नौकरियां खतरे में हैं. अगर ये 59% लोग नई स्किल्स नहीं सीखेंगे, तो उनकी हालत वो हो सकती है, जो नोकिया 3310 की हुई थी. सवाल ये है कि ऐसा क्या है जो इन नौजवानों को कुरुक्षेत्र के मैदान का कर्ण बनने से रोक सकता है? कौन सी स्किल्स सीखनी होंगी जिससे AI भी कहे "बॉस, ये इंसान तो अभी भी हमसे तेज़ है? आने वाले समय में कौन बेरोज़गार होने वाला है, और किसकी रहेगी चांदी? और भविष्य में विश्वगुरु बनने का सपना अगर पूरा करना है तो हमें क्या क्या करना होगा. जानने के लिए देखें पूरा वीडियो.