शॉपिंग मॉल में जाते हैं. पेमेंट करते वक़्त आपसे आपका फ़ोन नंबर मांगा जाता है. आप बिना सोचे दे देते हैं. अस्पताल जाते हैं. डॉक्टर आपकी जांच करता है और आपकी निजी जानकारियां अस्पताल के डेटा बेस में इकट्ठा हो जाती हैं. वहां भी आईडी आपके मोबाइल नंबर से लिंक होती है. ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं. हर पोर्टल पर अपने क्रेडिट-डेबिट कार्ड की जानकारियां डालना ज़रूरी होता है. आपके आधार कार्ड में आपकी पूरी जनम कुंडली छिपी रहती है. देखा जाए तो आपके लिए बहुत आसान भी रहता है, बार-बार वही जानकारी मुहैया नहीं करानी पड़ती. सबकुछ पहले से सेव्ड है.