भारत में मुस्लिम शासकों के जितने भी राजतिलक हुए, उनमें औरंगज़ेब का राजतिलक सबसे भव्य था. सच है कि शाहजहां, मुगल बादशाहों में ख़ास था. लेकिन जब वो गद्दी पर बैठा, उसने मयूर सिंहासन नहीं बनवाया. ना ही कोहिनूर हीरा हासिल किया. और उसके सफेद संगमरमर के महल, जिनमें रंगीन कीमती पत्थर जड़े थे, वो भी गद्दी पर रहते नहीं बने थे. बाद में बने. इन्हें आज भी दिल्ली और आगरा में देखा जा सकता है. हालांकि ये सब कुछ औरंगजे़ब के गद्दी पर बैठते वक्त मौजूद थे. औरंगजे़ब ने जश्न में जो किया, वो उस वक़्त के मुस्लिम शासकों में आम नहीं था. अपने भाइयों से जंग के बाद औरंगजेब जब गद्दी पर बैठे, तो कैसा माहौल था? और तख़्त पर बैठने के दिन ही हरम में दरबार क्यों लगाया गया? जानने के लिए देखें तारीख का ये एपिसोड.