18 अक्टूबर 2007. पाकिस्तान का कराची शहर. 2 लाख लोग सड़कों पर थे. तीन दिनों से भीड़ जुट रही थी इंतज़ार था एक आवाज का. आवाज बेनजीर भुट्टो की. भुट्टो, जिनके जिनके पिता को पाकिस्तान में फांसी पर लटका दिया था. जो आठ साल बाद पाकिस्तान लौट रही थीं. इस उम्मीद में की पाकिस्तान का मुस्तकबिल बदल देंगी। लेकिन भुट्टो का अंजाम भी वही हुआ, जो उनके पिता का हुआ था. भुट्टो को कानूनी तरह से मारना मुश्किल था. इसलिए बम का इस्तेमाल हुआ. लेकिन असल में उस रोज़ हुआ क्या था? पाकिस्तान की इकलौती महिला प्रधानमंत्री की हत्या के पीछे कौन था? जानेंगे आज के एपिसोड में.