सैम होरमुसजी फ्रामजी जमशेदजी मानेकशॉ. ये तो था पूरा नाम. लेकिन उनकी पलटन उन्हें प्यार से सैम बहादुर कहती थी. दोस्तों के लिए वो सैम थे. और वो ख़ुद अपने क़रीबी लोगों को स्वीटहार्ट कहकर बुलाते थे. फ़ील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ. भारत का पहला फ़ील्ड मार्शल जिसने ब्रिटिश फ़ौज में भी काम किया और आज़ादी के बाद आर्मी के सर्वोच्च पद तक पहुंचे. उनके ओहदे का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान ने भी उन्हें अपनी सेना में आने का ऑफ़र दिया था. तीन अप्रैल 1914 को अमृतसर में जन्मे मानेकशॉ अपनी ज़िंदादिली, बहादुरी और सेंस ऑफ ह्यूमर के लिए जाने जाते थे.