साल 1334. इब्न बतूता (Ibn Batutta) भारत प्रवास पर थे. सुल्तान मुहम्मद बिन तुगलक ने उन्हें दिल्ली से सटे एक एक सूबे का मेयर नियुक्त किया. एक रोज़ बतूता के पास कुछ गांव वाले आए. उनके साथ में एक औरत थी, जिसे रस्सी से बांधा हुआ था. गांव वालों ने बताया कि इस औरत के पास खड़े एक लड़के को अचानक चक्कर आया, वो गिरकर वहीं मर गया. उनके अनुसार लड़के का दिल गायब था.
तारीख: 1857 की क्रांति के बाद अचानक 'डायन' के केस क्यों बढ़ने लगे थे?
300 साल पहले किसी को डायन बताने का मतलब होता था निश्चित मौत.
बतूता को कुछ समझ न आया तो वो पहुंचे अपने से ऊंची पदवी वाले अधिकारी के पास. बतूता ने देखा कि औरत को पानी भरे बर्तन से बांधकर यमुना में डाल दिया गया. पानी वाला बर्तन साथ बंधा था, तो औरत तैरने लगी. उसे नदी से निकाला गया और फिर जिन्दा जला गया. तब इब्न बतूता को पता चला कि ये औरत कफ़्तार थी. फारसी भाषा के इस शब्द का अर्थ यूं तो लकड़बग्घा होता था. लेकिन यहां इसका मतलब था ‘काला जादू करने वाली औरत’ (Witchcraft In India) .कफ़्तार जादू से बच्चों का दिल निकाल कर उन्हें मार डालती थी. ऐसी औरतों को पहचानने का तरीका था, उन्हें पानी में डालना. अगर औरत डूब गई तो वो सामान्य है, और तैरने लगी तो डायन. देखिए वीडियो.