पत्रकार ज्योतिर्मय डे अंडरवर्ल्ड के कारनामों पर लिखी अपनी किताब खल्लास में लिखते हैं कि 93 मुम्बई बम ब्लास्ट से पहले, अंडरवर्ल्ड में कौम की चूरन चलती थी. कौम की चूरन खाने का मतलब था, गैंग सेक्युलर है, धर्म का कोई लेना देना नहीं. फिर 1993 में मुम्बई बम धमाके हुए और सब कुछ बदल गया. मामला मुस्लिम डॉन दाऊद इब्राहिम और हिन्दू डॉन छोटा राजन का हो गया. छोटा राजन कभी दाऊद का दायां हाथ हुआ करता था. 93 में जब छोटा राजन और दाऊद इब्राहिम के बीच फूट पड़ी. तो वो गैंग के नए मेम्बर्स का परिचय दाऊद से ये कहकर करवाता था कि “राजा जो अपनी मां का न हो सका वो किसी और का क्या होगा”. क्या थी छोटा राजन की कहानी? मुंबई के सहकार सिनेमा घर के बाहर टिकट ब्लैक करने वाला राजेंद्र सदाशिव निखल्जे कैसे बना अंडरवर्ल्ड डॉन और कैसे हुई उसके और दाऊद के बीच दुश्मनी? देखिए वीडियो.