जिनकी वीरगाथा ब्रिटिश फौजियों को सुनाई जाती थी ताकि जंग में जोश भर जाए. जिनकी बहादुरी ने बुंदेलखंड से लेकर दिल्ली तक इतिहास के पन्नों पर अपनी छाप छोड़ी. जिनके पुरखों की खोपड़ी तक पेड़ पर टांगी गई पर उनके जोश को दबाया न जा सका. आज तारीख के इस एपिसोड में कहानी है दो रणबांकुरों आल्हा और ऊदल की. पूरा कहानी जानने के लिए देखें तारीख का ये एपिसोड.