शराब पीने वाले इसी फिक्र में परेशान रहे कि बहक ना जाए. मय और मधुशाला पर तमाम कविताएं, शेर और गज़लें लिखी गईं. पर हमारे सोबर भाइयों का क्या? भोपाल के पटियाबाजों का क्या? कानपुर के रंगबाजों का क्या? बनारस के चपासियों का क्या? कॉफीचियों का क्या? शराब से निकलने वाले विचारों की चर्चा तो खूब होती है, कोट चलते हैं, Alcohol: because no great story ever started with a glass of milk…शराब. क्योंकि कोई महान कहानी दूध के ग्लास से नहीं शुरू होती. पर एक ड्रिंक है, जो इस तरह के कोटेशन्स को झुठलाती है- कॉफी. इसलिए आज बात मयखानों की नहीं, कॉफी हाउस की. जहां न्यूटन डेरा डालते थे. जहां अमेरिका की नींव पड़ी. जहां क्रांतियां उपजीं. और कॉफी, जिसे पीने वालों को एक राजा साब ने मौत की सज़ा तक मुकर्रर कर दी थी. क्या है पूरी कहानी, जानने के लिए देखें पूरा वीडियो.