रॉबर्ट पिशे ने कमाल जिन्दगी जी. बड़ी मुश्किल से पायलट बने. बड़ी एयरलाइन्स में नौकरी लगी लेकिन फिर निकाल दिए गए. प्लेन उड़ाना जारी रहा. बस अंतर इतना था कि अब वो प्लेन से ड्रग्स ले जाने लगे थे. एक देश से दूसरे देश. इसी चक्कर में एक रोज़ पकड़े गए. जेल हुई. पांच साल बाद बाहर आए. पुनर्वास में दिन गुजारे. तब जाकर समाज ने वापिस अपनाया. इसके बाद शुरू हुई दूसरी पारी. किस्मत से दोबारा पायलट की नौकरी मिल गई. पिछली बार इस काम से जिल्लत मिली थी. लेकिन इस बार कुछ और होना था.
तारीख: जब अटलांटिक महासागर के ऊपर उड़ते प्लेन का फ्यूल ख़त्म हो गया!
अटलांटिक महासागर के ठीक ऊपर पता चला कि प्लेन का ईधन पूरी तरह ख़त्म. सबसे नजदीकी हवाई अड्डा 130 किलोमीटर दूर था.
हुआ 24 अगस्त 2001 की रात. 39 हजार फीट की ऊंचाई पर रॉबर्ट एक प्लेन उड़ा रहे थे. अटलांटिक महासागर के ठीक ऊपर पता चला कि प्लेन का ईधन पूरी तरह ख़त्म. सबसे नजदीकी हवाई अड्डा 130 किलोमीटर दूर था. और 300 लोगों की जिंदगी अब रॉबर्ट पिशे के हाथ में थी. क्या पिशे ये प्लान लैंड करा पाए. तेल ख़त्म कैसे हुआ. सब जानेंगे आज के एपिसोड में. देखें वीडियो.