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तारीख: लैला खालिद, जिसकी AK47 वाली तस्वीर फिलिस्तीन रेजिस्टेंस मूवमेंट का सबसे बड़ा सिंबल बनी

चार साल की उस लड़की को उस दिन पता नहीं था , देश क्या होता है. लेकिन उस दिन के बाद उसने कभी संतरे को हाथ तक नहीं लगाया. जब वो बड़ी हुई, उसे एहसास हुआ कि जिसे मां अपना देश कहती थी, वो अपना नहीं है. अपने हिस्से के संतरे हासिल करने के लिए फिर एक रोज़ उस लड़की ने बॉम्ब उठाया.

चार साल की एक लड़की. रिफ़्यूजी कैम्प में अपनी मां के साथ रहती है. एक दिन खेलते-खेलते लड़की को संतरे का एक पेड़ दिखाई देता है. रिफ़्यूजी कैम्प में संतरे मुश्किल से मिलते थे. बाल मन ने मासूमियत में एक संतरा तोड़ लिया. घर जाकर मां को दिखाया तो मां ने पूछा, कहां से लाई. लड़की ने बताया पेड़ से. तब मां को अहसास हुआ उसकी बेटी पड़ोसी के पेड़ से संतरा लेकर आ गई है. ये चोरी थी. लेकिन बच्चे को ये समझाया कैसे जाए. तब उसकी मां ने कहा,“बेटी ये हमारी ज़मीन नहीं है. तुम्हारे हिस्से के संतरे तुम्हारे अपने देश में हैं”
चार साल की उस लड़की को उस दिन पता नहीं था , देश क्या होता है. लेकिन उस दिन के बाद उसने कभी संतरे को हाथ तक नहीं लगाया.  जब वो बड़ी हुई, उसे एहसास हुआ कि जिसे मां अपना देश कहती थी, वो अपना नहीं है. अपने हिस्से के संतरे हासिल करने के लिए फिर एक रोज़ उस लड़की ने बॉम्ब उठाया. और बन गई दुनिया की पहली महिला हाईजैकर. कौन थी ये महिला, जानने के लिए देखें तारीख का ये एपिसोड.