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तारीख: वो महिला जो मुग़लों के दौर में हज करने गई, कहानी गुलबदन बेगम की

बादशाह अकबर भले ही पढ़-लिख नहीं पाते थे लेकिन उनके किताबखाने और हरम में 24 हज़ार से ज्यादा किताबें और पांडुलिपियां थीं.

गुलबदन बेगम; पहले मुगल बादशाह बाबर की बेटी, उनके बेटे हुमायूं की सौतेली बहन और उनके पोते अकबर की बुआ. यानी कि मुगल काल की तीन पीढ़ियों की गवाह. उस दौर में जब महिलाओं का हज पर जाना आम बात नहीं हुआ करती थी, गुलबदन हज पर गईं. उन्हें पहली महिला इतिहासकार भी कहा जाता है. साथ में कमाल की कवियित्री. हज यात्रा से लौटने के बाद गुलबदन बेगम एक नई खोज में जुटी थीं. ये उनके भतीजे अकबर के एक सपने से जुड़ी थी. बादशाह अकबर भले ही पढ़-लिख नहीं पाते थे लेकिन उनके किताबखाने और हरम में 24 हज़ार से ज्यादा किताबें और पांडुलिपियां थीं. अकबर की चाह थी कि वो अपने दौर को इतिहास में रिकॉर्ड करें. इसके लिए उन्होंने अपने पुराने करीबियों को खंगालना शुरू किया और इसी कड़ी में संपर्क किया गुलबदन बेगम से. क्या है गुलबदन बेगम की कहानी, जानने के लिए देखें पूरा वीडियो.