किताबवाला में इस बार हमने 1984 के दंगों की पीड़ित महिलाओं की कहानियां सुनीं. सनम सुतिरथ वजीर की किताब, "The Kaurs of 1984" पर आधारित इस बातचीत में हम दर्शन कौर से मिलते हैं, जो भरे कोर्ट में चप्पल उठाकर इशारा करती हैं, 'यही है वो आरोपी', हम सतवंत कौर की जिन्दगी में दाखिल होते हैं, जिनकी मां का मृत शरीर घर पर है, लेकिन उन्हें लखनऊ में संगीत की प्रस्तुति देनी है, क्योंकि अंतिम-संस्कार के लिए भी तो पैसा चाहिए. सिख महिलाओं की ये कहानियां आपको सिहरा देंगी.