डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कांगो DRC. DRC की सेना में विद्रोह हुआ. कांगो के एक हिस्से katanga को अलग देश बनाने की कोशिश हुई. कांगो के प्रधानमंत्री की भी हत्या कर दी गई. बिगड़ते हालात और खून खराबे के बीच यहां दूसरे देशों की सेनाएं उतरीं. इन्हीं में से एक थी भारत की गोरखा बटालियन की एक यूनिट. असल में ये संयुक्त राष्ट्र का पीस कीपिंग मिशन था. सिर्फ कैप्टन सलारिया ही नहीं, संयुक्त राष्ट्र के पीस कीपिंग मिशंस में करीबन 179 भारतीय सैनिक अपनी जान गंवा चुके हैं.28 सितंबर को हिज़्बुल्लाह के चीफ की मौत के बाद इज़रायल और लेबनान के बीच तनाव बढ़ गया है. इजरायल-लेबनान बॉर्डर पर तकरीबन 120 किलोमीटर की ब्लू लाइन पर संयुक्त राष्ट्र की पीस कीपिंग फ़ोर्स में अटैच्ड 600 भारतीय सैनिक भी तैनात हैं. तो आसान भाषा के इस एपिसोड में जानते हैं आखिर क्या है ये संयुक्त राष्ट्र की पीस कीपिंग फ़ोर्स? और इसकी स्थापना कैसे हुई?