समारोह में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, सेना के आला अधिकारी, और देश के शीर्ष नौकरशाह बात-चीत में व्यस्त थे. इनके साथ मौजूद थे, 53 साल के कर्नल एलैन बॉली. जो फ्रेंच दूतावास के एक अधिकारी हुआ करते थे. और हथियारों के सौदे देखना उनकी मुख्य जिम्मेदारी हुआ करती थी. यहीं लंबी कदकाठी के एक और जाने-माने शख्स भी मौजूद थे. जो रक्षा सचिव और कई शीर्ष अधिकारियों के साथ बाच-चीत में व्यस्त थे. ये थे पीसी एलेग्जैंडर, तब प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव. हंसी-मजाक चल रहा था. बातों का सिलसिला जारी था. मानो सब कुछ ठीक हो. लेकिन अगले ही रोज़ एक अजीब घटना हुई. एक गिरफ्तारी हुई. जिसने तमाम बड़े नौकरशाहों, उनके निजी स्टाफ और छह विदेशी डिप्लोमैट्स को सबसे बड़े जासूसी स्कैंडल के केंद्र में ला दिया. ऐसा स्कैंडल जिसके तार अमेरिका से लेकर पाकिस्तान तक जुड़े थे. हैली रोड का एक मकान, जेरॉक्स की दुकान, 2 हजार पन्नों की चार्च शीट, 188 गवाह, प्रधानमंत्री कार्यालय और देश की सुरक्षा से जुड़ी सैकड़ों खुफिया फाइलें. क्या है इस जासूसी कांड की कहानी, जानने के लिए देखें तारीख का ये एपिसोड.