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21 साल का गैंगस्टर, पुर्तगाल में बैठकर जिसने दिल्ली पुलिस की नाक में दम कर दिया!

18 जून को Delhi के Rajouri Garden Murder Case की जिम्मेदारी Himanshu Bhau ने ही ली है.

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देश से फरार है हिमांशु भाई.

उम्र मात्र 21 साल. मात्र 21 साल! और लड़का अपराध की दुनिया में इतना बड़ा नाम हो गया कि इंटरपोल भी पीछे लग गई. उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया गया. विदेश में बैठकर दिल्ली-NCR में आतंक फैलाता है. रहने वाला हरियाणा के रोहतक का है. नाम है 'हिमांशु भाऊ' उर्फ ‘छोटा डॉन’.

हिमांशु भाऊ एक बार फिर चर्चा में है. वजह है दिल्ली के राजौरी गार्डेन का बर्गर किंग शूटआउट. 18 जून को राजौरी गार्डन के J ब्लॉक में बड़े बर्गर किंग आउटलेट में गोलीबारी हुई थी. जिसमें हरियाणा के रहने वाले 26 साल के एक व्यक्ति अमन की '40' गोलियां मारकर हत्या कर दी गई. सीसीटीवी में दिखा कि दो लोग आए और अमन को गोलियों से भून दिया, कम से कम 38 राउंड फायर किए और फिर वहां से भाग गए.

इस हत्या के कुछ घंटे बाद, एक सोशल मीडिया पोस्ट सामने आया. इसमें एक भगोड़े गैंगस्टर हिमांशु भाऊ ने इस हमले की जिम्मेदारी ली. पोस्ट में लिखा गया,

"राजौरी गार्डन, दिल्ली में जो हत्या हुई है, उसकी जिम्मेदारी मैं हिमांशु भाऊ और मेरा भाई नवीन बाली लेते हैं. हमारे भाई शक्ति दादा के मर्डर में इसका हाथ था और उसी का बदला हुआ है और जो भी बाकी है, सबका नंबर आने वाला है."

हालांकि, पुलिस इस सोशल मीडिया पोस्ट की सत्यता की जांच कर रही है.

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कैसे डॉन बना हिमांशु भाऊ?

हिमांशु भाऊ की आपराधिक दुनिया में एंट्री उसके गृहनगर रतौली से ही हुई. रतौली रोहतक में ही पड़ता है. NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक मात्र 17 वर्ष की उम्र में, हिमांशु की किसी से तीखी नोकझोंक हो गई. और बस इतनी सी बात पर उसने पिस्तौल खरीद ली और गोली चला दी. केस दर्ज हुआ तो पकड़ा गया. बालिग नहीं था, इसलिए जेल नहीं सुधार गृह गया.

हालांकि, सुधार गृह से हिमांशु जल्द ही भाग निकला और धीरे-धीरे क्राइम वर्ल्ड में रमता चला गया. छोटे-बड़े अपराधों में उसका नाम जुड़ता चला गया और एक-एक करके उसके खिलाफ रोहतक और झज्जर में 17 गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हो गए. सभ्य समाज में जिसे बदनामी कहा जाता है उसे हिमांशु अपना नाम समझ रहा था. धीरे-धीरे आपराधिक साम्राज्य भी बढ़ता गया. कुछ बड़े कांड भी किए. और हिमांशु भाऊ बन गया दिल्ली का ‘छोटा डॉन’.

देश छोड़कर भागा

इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में, लॉ एजेंसीज़ का ध्यान भाऊ की आपराधिक गतिविधियों पर गया. खासकर मार्च में 24 दिनों के भीतर तीन हत्याएं होने के बाद. 3 मार्च, 7 मार्च और 28 मार्च को कथित तौर पर तीन हत्याओं की साजिश रचने वाले भाऊ ने पुलिस की नींद हराम कर दी. इसके बाद, उसके संदिग्ध सहयोगियों और ठिकानों पर व्यापक छापेमारी की गई.

लेकिन यहां से हिमांशु को समझ आ गया था कि अब ज्यादा दिन खुली हवा में रहना मुश्किल है. पकड़े जाने का डर सताने लगा तो हिमांशु कथित तौर पर जाली पासपोर्ट बनवाया और देश छोड़कर भाग गया. खबरों के मुताबिक गैंगस्टर हिमांशु अभी पुर्तगाल में है, उसकी आखिरी लोकेशन वहीं ट्रेस की गई थी. उसके दो अहम साथी हैं. साहिल और योगेश कादियान. NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक साहिल को हाल ही में अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था.

हिमांशु के गिरोह के अपराध करने का एक स्टाइल है. जिसे कथित तौर पर पुलिस अब डीकोड कर चुकी है. दिल्ली-NCR में जब भी किसी शूटआउट में थोक के भाव से गोलीबारी होती है तो पुलिस का शक सीधे हिमांशु पर जाता है. बर्गर किंग की घटना को ही देखा जाए, 38 से 40 राउंड फायर किए गए.

सुंदर मलिक हत्याकांड

दिल्ली में रहने वाले अक्सर मुरथल के पराठों का जिक्र करते हैं. मुरथल हरियाणा के सोनीपत में पड़ता है. न्यूज़18 की रिपोर्ट के मुताबिक करीब तीन महीने पहले, 10 मार्च, 2024 को मुरथल गोलियां से गूंज उठा. मुरथल के गुलशन ढाबे पर शराब कारोबारी व शार्प शूटर सुंदर मलिक की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. सुंदर नीतू दाबोदिया गैंग का शार्प शूटर था. पहले उसकी रेकी हुई और लोकेशन शूटरों को दी गई. जिसके बाद करीब 35 राउंड फायरिंग कर सुंदर की हत्या की गई थी. शराब कारोबारी की हत्या के बाद भाऊ गैंग के सरगना साहिल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसकी जिम्मेदारी ली थी.  

नफे सिंह राठी मर्डर केस

25 फरवरी, 2024 की शाम इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी (Nafe Singh Rathee) की गोली मारकर हत्या कर दी गई. नफे सिंह अपनी फॉर्च्यूनर गाड़ी से असौदा गांव से बहादुरगढ़ वापस आ रहे थे. तभी उन्होंने देखा कि एक सफेद रंग की कार उनका पीछा कर रही है. तो उन्होंने गाड़ी की स्पीड बढ़ाई. लेकिन तभी रेलवे फाटक बंद हो गया. गाड़ी रोकनी पड़ी. पांच बंदूकधारी सफ़ेद गाड़ी से उतरे और राठी की गाड़ी पर 40-50 राउंड फायरिंग कर दीं.

दिल्ली पुलिस को पहले शक हुआ कि इस नृशंस हत्या में जेल-बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और काला जठेड़ी के शार्प-शूटर शामिल हो सकते हैं. लेकिन शक की सुई एक और गैंगस्टर पर गई… हिमांशु भाऊ. ऐसी आशंका जताई गई कि राठी हत्याकांड के पीछे भाऊ गैंग भी हो सकता है.

5 करोड़ की फिरौती 

पिछले महीने की बात है. 6 मई को दिल्ली के तिलक नगर में एक कार शोरूम पर अंधाधुंध फायरिंग हुई. छह लोग घायल हो गए थे. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक भागने से पहले हमलावरों ने खुद को हिमांशु भाऊ गिरोह का सिंडिकेट बताया और एक चिट छोड़ी. शोरूम के मालिक मनोज मलिक ने केस दर्ज कराया. पर 7 मई को उनके पास एक फोन आता है. कॉल अंतरराष्ट्रीय नंबर से था. कॉल करने वाले ने खुद को हिमांशु भाऊ बताया और मनोज से 5 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी. अब ये केस दिल्ली की क्राइम ब्रांच हैंडल कर रही है. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक हिमांशु भाऊ गिरोह के खिलाफ मकोका एक्ट लगाया गया.

बंबीहा से दोस्ती, बिश्नोई से बैर

सिद्धू मूसे वाला मर्डर केस के दौरान अगर आप खबरों से रूबरू रहे होंगे तो इन दोनों गैंग का नाम जरूर सुना होगा. लॉरेंस बिश्नोई गैंग और बंबीहा गैंग. दोनों एक दूसरे के दुश्मन गैंग हैं. हिमांशु भाऊ की इनमें से एक से दोस्ती है तो दूसरे से अपने आप दुश्मनी हो ही जाएगी. कहा जाता है कि हिमांशु को बंबीहा गैंग की बैकिंग है और बिश्नोई से उसका छत्तीस का आंकड़ा है. इसके अलावा उसकी दोस्ती कुख्यात नीरज बवाना से भी है जो फिलहाल जेल में बंद है, कथित तौर पर जिसके चलते दिल्ली के राजौरी गार्डर के हत्या कांड का रचा गया.

वसूली का कारोबार

हिमांशु भाऊ का काम हत्या करने तक सीमित नहीं हैं. वो अपने नाम की दहशत से वसूली करता है. दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में व्यापारियों, शराब विक्रेताओं और सट्टेबाजों से चुन-चुनकर जबरन वसूली करना उसके लिए आम बात हो चली है. कहा जाता है कि वो वॉट्सएप के जरिए पैसे मांगता है. उसके गुर्गे इन राज्यों में एक्टिव हैं. जो लोगों को डराते धमकाते हैं. पैसा वसूलते हैं. और लोगों की हत्या करते हैं.

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