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ये बीच की उंगली दिखाना गाली कैसे बन गया?

Middle finger यानी बीच की उंगली. जिसे दिखाने से लोग बुरा मान जाते हैं. एक तरह की जिल्लत मानते हैं. मगर सोचने वाली बात है: एक अच्छी-खासी उंगली गाली में कब-कैसे बदल गई?

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रॉकस्टार फ़िल्म का सीन, जिसमें रणबीर कपूर बीच की उंगली दिखा रहे हैं. हमने ब्लर कर दिया है.

उंगली पकड़ के तूने चलना सिखाया था न… कौन सी उंगली? सामान्यतः तर्जनी. पहली उंगली या इंडेक्स फिंगर. हर उंगली की अपनी भाषा, अपने संकेत हैं. तर्जनी कई काम आती है. उंगली उठाने के लिए भी और होठ पर रख लें, तो अगला चुप. कनिष्का या कानी उंगली की भी अपनी भाषा है. किसी भी देश, काल, परिस्थिति में उठा दी, तो जनता एक ही बात समझती है, कि ज़ोर की लगी (शौच) है. ‘अंगूठा दिखाना’ भी मुहावरा है. मगर एक उंगली से सबको दिक्कत है — बीच की उंगली.

दिखते ही लोग ऑफेंड हो जाते हैं, बुरा मान जाते हैं. उंगली, जो अंग्रेजी की एक गाली बन गई है. मिडल फिंगर (middle finger), फ्लिपिंग द बर्ड (flipping the bird), भक यू (बूझे?) वगैरह-वगैरह भी कहा जाता है. 

भाषा के साथ देह-भाषा भी विकसित होती है. कुछ मायने बदलते हैं, कुछ घटते-बढ़ते हैं. मगर बीच की उंगली के हक का सवाल है: ‘मैं ही क्यों?’ सिर्फ एक उंगली गाली कैसे बनी गाली?

‘बीच’ में समस्या क्या है?

मिडल फिंगर से जुड़ी कई कहानियां चलती हैं. एक कहानी, जो सोशल मीडिया पर पढ़ी, वो जुड़ी है ब्रिटिश और फ्रेंच सैनिकों से. बताया जाता है कि साल 1415 में दोनों देशों के बीच एक युद्ध हुआ, जिसमें पहले फ्रेंच सेना ने अंग्रेजी सैनिकों को बंधक बना लिया और उनकी बीच की दो उंगलियां काट देने की योजना बनाई.

बीच की ही क्यों? क्योंकि उस समय जो आर्चर या तीरंदाज होते थे, वो बीच की उंगलियों में तीर फंसाकर चलाया करते थे. ये फ्रेंच सेना की साजिश थी कि उंगली काट दी जाए तो अंग्रेज सैनिक तीर न चला पाएंगे. ऐसा बताया जाता है.

मगर - इस थियरी के मुताबिक - फ्रेंच सेना का प्लान धरा का धरा रह गया. युद्ध में फ्रांस की सेना हार गई. इसके बाद अंग्रेजी सैनिकों ने बीच की उंगलियां लहराते हुए, फ्रेंच सैनिकों पर चुटीला वार किया. जो उंगलियां काटने का प्लान था, वही दिखाकर उनका मजाक उड़ाया. साथ में चिल्लाया - ‘प्लक यू (pluck yew)’. प्लक माने तरकश से तीर निकालना. कहा जाता है समय के साथ इसी प्लक का ‘प’ चुपके से किसी रोज ‘फ’ में बदल गया.

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यहीं से ‘बीच की उंगली’ का उदय हुआ. ये दावा है. लेकिन रॉयटर्स में छपी एक रिपोर्ट कहती है कि ये कहानी सही नहीं है. ये वाला दावा झूठा है… और झूठ बोलना पाप है – नदी किनारे सांप है. इसलिए अब सच्ची कहानियों पर चलते हैं.

नोट: कभी-कभार भाषा और शब्दों के नए-पुराने या प्रचलित मायनों को लेकर पुख़्ता दस्तावेज़ नहीं मिलते. फिर तार्किक अनुक्रम (logical sequence) के हिसाब से अंदाजा लगाया जाता है. थियरियां खींची जाती हैं. 

अधनंगा फकीर और सिकंदर महान 

एक फकीर सड़क किनारे पड़ा है. अधनंगा. धूप ले रहा है. पास में कुछ कुत्ते लेटे हैं, जिनका संबंध फकीर की ‘फिलॉसफी’ से बताया जाता है. तभी सिकंदर महान (Alexander the Great) वहां से गुजरता है. अधनंगे फकीर को देखकर राजा कहता है, 

मेरे राज्य में ऐसी दरिद्रता! ऐ फकीर! मांग, तुझे जो कुछ भी मांगना है.

फकीर, सिकंदर महान को ऊपर से नीचे तक निहारता है और कहता है, 

जरा हटना. धूप आने दो.

ये अधनंगा फकीर था, ग्रीक दार्शनिक डायॉजनीस (Diogenes). डायॉजनीस के मुंह-फट और अभद्र बर्ताव की कई कहानियां चलती हैं. ये उनमें से ही एक है.

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बताया जाता है डायॉजनीस सड़क किनारे कहीं भी पेशाब कर देते थे. (फ़ोटो - विकी मीडिया)

जैसे एक कहनी और बताई जाती है. कौन बताता है? उनके साथ या बाद के ग्रीक इतिहासकार. 

आज से कुछ 2300 साल पहले का वाकया है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डायॉजनीस विरोध कर रहे थे. डेमोस्थनीज (Demosthenes) नाम के एक राजनेता के खिलाफ. तब कुछ लोगों के सामने डायॉजनीस बीच की उंगली दिखाकर कहते हैं, 

ये है तुम्हारा महान जनोत्तेजक? (This is the great demagogue)

जनोत्तेजक माने ऐसा नेता, जो चिकनी-चुपड़ी बातों से या भड़काऊ बातों से खुद को लोकप्रिय बनाता है. 

माने बीच की उंगली का संदर्भ इतना प्राचीन है. दो हजार साल पुराना. इस बारे में एंथ्रोपोलॉजिस्ट डेस्मंड मॉरिस बीबीसी से बताते हैं कि ये बेइज्जती करने के सबसे प्राचीन तरीकों में से एक है. एक तरह का फैलिक जेसचर जैसा है. माने पुरुष जननांग की नकल करना.

अमेरिकियों के लिए इस बीच की उंगली के कई नाम हैं. मसलन ‘Flipping the bird’ या ‘giving someone a finger.’  

रोमन लोगों के लिए भी इसका नाम था. वो इसे ‘ऑफेंसिव फिंगर’ कहते थे.

प्राचीन बेइज्जती

यूनिवर्सिटी ऑफ एलिनॉइस के प्रोफेसर थॉमस कॉनले ने इस ‘प्राचीन बेइज्जती’ पर रिसर्च की है. वो बताते हैं कि एक प्राचीन रोमन इतिहासकार ने भी इस बारे में लिखा था. बताया था कि जर्मन जनजाति के लोगों ने कभी चढ़ाई कर रहे रोमन सैनिकों को बीच की उंगली दिखाने का तोहफा दिया था.

वहीं, इससे पहले प्राचीन ग्रीक लोग जननांग को दर्शाने के लिए इस उंगली का इस्तेमाल किया करते थे. ऐसा भी बताया जाता है. 

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रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यूनिवर्सिटी ऑफ कांसस के प्रोफेसर ऐंथनी कॉरबेइल इसका नाता प्राचीन रोम से भी जोड़ते हैं. वो भी यही बताते हैं कि करीब 400 BC के आसपास प्राचीन रोम में इस उंगली को दिखाने का मतलब एक तरह से धमकी देना और जननांग की नकल दिखाने जैसा ही था. हालांकि, कहा ये भी जाता है कि एकदम सटीक ये बता पाना मुश्किल है. किस देश या समय में इस ‘उंगली का उदय’ हुआ. 

बताए गए उदाहरणों से बीच की उंगली वाले मामले की जड़ों को, प्राचीन ग्रीस और रोम से जोड़कर देखा जा सकता है. जहां इसे जननांग की नकल और विरोध के तौर पर दिखाने की बातें सुनने मिलती हैं.

बताइए! इंसान ने एक मासूम सी उंगली को गाली में बदल डाला.

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