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देश के कानून मंत्री बदल गए, कभी सोचा है वो काम क्या करते हैं?

आज जानें कानून मंत्रालय क्या है और कानून मंत्री के कार्यक्षेत्र में क्या-क्या आता है.

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किरेन रिजिजू की जगह अर्जुन मेघवाल बने कानून मंत्री. (तस्वीर: आजतक)

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने किरेन रिजिजू को कानून मंत्री के पद से हटा दिया. उन्हें भू विज्ञान मंत्रालय भेज दिया गया है. अब बीजेपी सांसद अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है. वर्तमान में मेघवाल के पास संसदीय कार्य मंत्रालय के साथ कानून मंत्रालय भी है. केंद्रीय मंत्रिमंडल में अचानक हुए इस फेरबदल से किरेन रिजिजू और अर्जुन राम मेघवाल के साथ कानून मंत्रालय और कानून मंत्री का पद भी चर्चा में आ गया है. लोग जानना चाहते हैं कि कानून मंत्रालय क्या है और कानून मंत्री क्या काम करते हैं. 

कानून मंत्रालय का इतिहास 

यह भारत सरकार का सबसे पुराना मंत्रालय है. इसे साल 1833 में ब्रिटिश संसद के चार्टर अधिनियम-1833 के तहत बनाया गया था. इस एक्ट के जरिए विधायी शक्तियों (legislative powers) को गवर्नर जनरल के हाथों में दे दिया गया था. इन्हीं शक्तियों के बल पर गवर्नर जनरल ने 1834 से लेकर 1920 तक भारत के लिए कानून पारित किए. 

साल 1919 में गर्वंमेंट ऑफ इंडिया एक्ट के आने के बाद से विधायी शक्ति (कानून बनाने और पारित करने का अधिकार) भारतीय विधानमंडल के पास चली गई. बाद में ब्रिटिश संसद ने गर्वंमेंट ऑफ इंडिया एक्ट-1935 और इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट-1947 पास किया तो भारत के विधान मंडल की विधायी शक्तियों में कुछ इज़ाफा हुआ. 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान के लागू होने के बाद से कानून बनाने और लागू करने का अधिकार भारत की संसद के हाथों में आ गए.

क्या है कानून मंत्रालय?

कानून मंत्रालय को सरकारी भाषा में विधि एवं न्याय मंत्रालय (Ministry of Law and Justice) कहते हैं. इस मंत्रालय के अधीन तीन विभाग आते हैं,

1. विधायी विभाग (Legislative Department)
2. विधि-कार्य विभाग (Department of Legal Affairs)
3. न्याय विभाग (Department of Justice)

विधायी विभाग केंद्र सरकार को प्रमुख कानूनी मसौदे तैयार करने में मदद करता है. जबकि विधि-कार्य विभाग का काम केंद्र सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों को कानूनी सलाह देना, उनकी कानून संबंधी शंका और समस्या का समाधान करना है. किसी मुक़दमे में न्यायालय में सरकार का पक्ष रखने की जिम्मेदारी इसी विभाग की है.

न्याय विभाग 31 दिसंबर 2009 से पहले गृह मंत्रालय का हिस्सा हुआ करता था. केंद्रीय गृह सचिव न्याय विभाग के सचिव होते थे. 1 जनवरी 2010 से न्याय विभाग को कानून मंत्रालय का हिस्सा बना दिया गया. इसके लिए तर्क दिया गया कि गृह मंत्रालय पर काम का बोझ है और इसलिए न्याय विभाग गृह मंत्रालय के अधीन न्यायिक सुधारों को लागू कराने में प्रभावी नहीं हो पा रहा है. 

न्याय विभाग सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति, इस्तीफे और निष्कासन के मामले देखता है. इसके अलावा देश के न्यायालयों में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने, देश में स्पेशल और फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने और संवेदनशील मुक़दमों में जल्दी न्याय दिलाने में भूमिका अदा करता है.

कानून मंत्री क्या काम करते हैं?

- कानून मंत्रालय के विभागों के बीच सामंजस्य बनाए रखना.

- मंत्रालय के प्रतिनिधि की भूमिका अदा करना है.

- केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों से भेजे गए कानूनी विषयों पर कानूनी सलाह और राय मुहैया कराना.

- मंत्रालयों के कानूनी प्रस्तावों की जांच करना और उनको भारतीय संविधान के दायरे में लागू कराना भी कानून मंत्री का काम है. 

इंडियन जुडिशरी सर्विस और जुडिशियल इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करना भी कानून मंत्री काम में शामिल है. कानून मंत्री अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल के साथ केंद्र सरकार की तरफ से सरकार का पक्ष भी रखता है.  
 

वीडियो: किरेन रिजिजू को अब जो मंत्रालय मिला, वो पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ये ज़रूरी काम करता है!