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क्या है डेविन एआई जिससे प्रोग्रामर्स की नौकरी पर खतरा है ?

Chatgpt, मिडजर्नी जैसे कई AI टूल्स मार्केट में घूम रहे हैं. हर किसी का काम अलग है. कोई जवाब देने में माहिर है. तो कोई वीडियो बनाकर दे देता है. अब इसी कड़ी में नया नाम है डेविन इस AI सॉफ्टवेयर को अमेरिका की cognition नाम के स्टार्टअप ने बनाया है.

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ए आई (फोटो-एक्स)

साल 2001. अमेरिका का एक यात्रियों से भरा स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी से जूपिटर की यात्रा के लिए निकलता है. इस विमान का सारा कंट्रोल HAL 9000 के हाथ में है. HAL 9000 कोई इंसानी शक्ल का रोबोट नहीं है. हाँ इसे AI बेशक कह सकते हैं. बोले तो शक्ल चाहे जैसी हो… हो ना हो… लेकिन पर्सनेलिटी एक इंसान की तरह ही. डिट्टो. किसी पुरुष फ़्लाइट अटेंडेंट की तरह कम्फ़र्ट करती आवाज़. चतुर इतना कि दो मानव क्या बात कर रहे हैं, सुनने के लिए बेशक उसके पास कान न हों, लेकिन लिप सिंक पर फ़ोकस रखकर पता लगा ले कि मेरे ख़िलाफ़ कुछ षड्यंत्र रचा जा रहा है. और फिर अपने डिफ़ेंस में पूरे स्पेसक्राफ्ट को हिला दे. पूरे लाइफ़ सपोर्ट सिस्टम की वाट लगा दे. बिना औज़ार के, बिना फ़िज़िकल अपेयरेंस या शरीर के, सिर्फ़ कुछ कोड्स में हेरफेर करके सारे यात्रियों को मार डाले. 
 

HAL 9000. जिसने शायद पहली बार दुनिया को AI के ख़तरों से वाक़िफ़ करवाया था. 2001 में जाकर नहीं. ऑलरेडी  1968 में ही. क्योंकि HAL 9000 दुनिया के कुछ बेहतरीन निर्देशकों में से एक स्टेनली क्यूब्रिक की 1968 में साईफ़ाई  मूवी ‘2001: अ स्पेस ओडिसी’ का एक किरदार था… विलेन… 
विलेन, जो ना इंसान था, न रोबोट और ना ‘हम आपके हैं कौन’ टाइप मूवी की तरह ‘वक्त या हालात’. विलेन, जो, इन ऑल दी प्रॉबबिलिटी… एक AI था.  
इसके बाद भी ये AI बार-बार पॉप कल्चर में आ-आकर हमें हॉन्ट करता रहा. कभी ‘दी ब्लेड रनर’ या ‘मैट्रिक्स’ जैसी मूवीज़ में, कभी ‘साइबर-पंक’ जैसी किसी विधा या ट्रेंड में, कभी ‘अकिरा’ जैसे किसी एनिमी कार्टून में, कभी ‘न्यूरोमेंसर’ जैसे किसी नॉवल में, कभी युवाल नोहा हरारी के किसी आर्टिकल या इंटरव्यू में और कभी ‘ईलॉन मस्क’ के ट्वीट्स (या कहें x पोस्ट्स) में.   
AI के कई जानकार जो ईलॉन मस्क स्कूल ऑफ़ थॉट से आते हैं वो डराते हैं. कुछ ज़्यादा ही पेसिमिस्ट हैं. लेकिन रियलिस्ट लोगों की नज़र में भी भविष्य कोई इतना सुहाना नहीं. बेशक डिस्टोपियन ना हो. वो कहते हैं कि AI आपकी नौकरी बेशक नहीं खाएगा, लेकिन जिन्हें AI चलाना होता है, वो बेशक आपकी नौकरी खाएँगे. और इस एक वन लाइनर को इतना कहते हैं कि कुछ महीने में ही इसे क्लिशे बना डाला. 
 

लेकिन आज इसपर बात क्यों

आज हम AI की चर्चा इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि अगर बनाने वालों के क्लेम पर विश्वास करें, तो डेविन (DEVIN) दुनिया का पहला एआइ साफ्टवेयर इंजीनियर इस धरा पर आ चुका है. और बज़ भी इसका खूब है. डेविन क्या है, पहला किस मामले में है, किसने बनाया है, बाक़ी AI सॉफ़्टवेयर या प्रोग्राम्स से कैसे अलग है, समाज को, ‘हमको’ इससे क्या फ़ायदे नुक़सान हैं, सब बताएँगे, लेकिन शुरू से शुरू करके सबसे पहले हमारी आपकी भाषा में जानते हैं आख़िर ये AI है क्या?   
 

क्या है AI

AI बोले तो आर्टीफ़िशियल इंटेलिजेंस. ये तो सिर्फ़ हुआ फ़ुल फ़ॉर्म. लेकिन ये डेविन AI होता क्या है? 
 

क्या है डेविन AI

Chatgpt, मिडजर्नी जैसे कई AI टूल्स मार्केट में घूम रहे हैं. हर किसी का काम अलग है. कोई जवाब देने में माहिर है. तो कोई वीडियो बनाकर दे देता है. अब इसी कड़ी में नया नाम है डेविन इस AI सॉफ्टवेयर को अमेरिका की cognition नाम के स्टार्टअप ने बनाया है. इसकी खास बात ये है कि ये AI खास सॉफ्टवेयर कोडिंग के लिए बनाया है.  cognition कंपनी का दावा है.- ये AI कॉम्प्लेक्स कोडिंग कर सकता है. बिलकुल इंसानों की तरह. या इंसानों से बेहतर. कॉग्निशन के फाउंडर Scott Wu ने तो एक पोस्ट में बताया कि कैसे इस AI की एफिशिएंसी बाकियों से बेहतर है. उन्होंने सारे बड़े बड़े कोडिंग प्लेटफॉर्म्स की तुलना DEVIN AI से की.  कैसी तुलना? GIThub नाम का डेवलेपर प्लेटफार्म है. इस प्लेटफॉर्म पर कई सॉफ्टवेयर की समस्याओं पर भी काम होता है.  DEVIN ने खुद के दम पर, यानी किसी मानव सहायता के बिना 13.86 % समस्याओं को ठीक कर दिया। वही बाकी बड़े बड़े AI टूल्स काफी पीछे थे. जैसे  Claude सिर्फ 4.8% केसेस हल कर पाया, GPT-4 का स्कोर इस मामले में 1.74% था.